प्रवासी कविता : देशप्रेम तुम्हारा
रेखा भाटिया | मंगलवार,फ़रवरी 14,2023
									   									   जनता पूछती सरकार से, सरकार पूछती जनता से, विपक्ष पूछता सत्ता से, कहता सरकारी फ़ैसले ग़लत, जनता का फ़ैसला भी ग़लत, देश किससे ... 
									
								प्रवासी कविता : कैलिफोर्निया की सर्दी
रेखा भाटिया | सोमवार,दिसंबर 26,2022
									   									   प्यासी थी धरती और प्यासा अंबर, पीली धूप में, पीली धरती पीला अंबर
हमदम, हमसफ़र ऋतु की सखी पत्तियां, करें काम दिन-रात, न ... 
									
								नए साल पर कविता : हम तुम किसी से कम नहीं
रेखा भाटिया | सोमवार,दिसंबर 26,2022
									   									   आ री सखी ! तू क्यों उदास है किस बात का ग़म है, क्या हम-तुम किसी से कम हैं जीवन में सर्दी से घबरा रही है, देख सखी री, ... 
									
								प्रवासी कविता : मैं भारतीय हूं
रेखा भाटिया | शुक्रवार,अगस्त 12,2022
									   									   यह अनमोल जिंदगी, इसकी अपनी पहचान है, जब इसने जन्म लिया, पतन हुआ गुलामी का, यह एक गर्वित एहसास है आजादी का, इसका अपना ... 
									
								'भारत काव्य पीयूष' कवियों द्वारा राष्ट्र-वंदन का अनूठा दस्तावेज
रेखा भाटिया | शुक्रवार,अगस्त 12,2022
									   									   वर्ष 2022 में भारत अपनी स्वाधीनता की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है, जो अमृत महोत्सव के नाम से जाना जा रहा है। इस अवसर पर ... 
									
								प्रवासी कविता : तुझसे ही पाया है जीवन
रेखा भाटिया | मंगलवार,अगस्त 9,2022
									   									   Poem on Bharat Maa सीता-सा आह्वान कर, तुम्हारी छवि मन में उतारूं, मेरे विश्वास का तिनका जिसे थाम मैं प्रार्थना करती, ... 
									
								भारत अमृत महोत्सव के अवसर पर प्रकाशित 'भारत काव्य पीयूष' काव्य संग्रह में रेखा भाटिया की 2 कविताएं
रेखा भाटिया | मंगलवार,अगस्त 9,2022
									   									   Azadi Ka Amrit Mahotsav भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्षों के पूरे होने के उपलक्ष्य में मनाए जा रहे 'अमृत महोत्सव' के अवसर ... 
									
								प्रवासी कविता : मन उदास हो उठता है
रेखा भाटिया | गुरुवार,अगस्त 4,2022
									   									   रह रह कर मन उदास हो उठता है, एक अंधेरे कोने में सिमटने लगता है
हजार दुख छिपाकर एक खुशी मनाएं कैसे, मां ठीक है लेकिन ... 
									
								मनोरंजक प्रवासी कविता : पिकनिक
रेखा भाटिया | बुधवार,जुलाई 13,2022
									   									   एक सुबह सुहानी खिल आई इठलाती, नभ ललचाए आ बैठे सुबह की गोद में, धूप देख शरमा पड़ी, सूरज हो गया रुआंसा, गगन की मादकता से ... 
									
								शार्लिट शहर के 'साहित्य संगम' ग्रुप की पहली कविता गोष्ठी का आयोजन संपन्न
रेखा भाटिया | शुक्रवार,अप्रैल 29,2022
									   									   अमेरिका की स्टेट नॉर्थ कैरोलाइना के शार्लिट शहर के 'साहित्य संगम' ग्रुप की पहली कविता गोष्ठी की रिपोर्ट यहां पेश की जा ... 
									
								
