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Chandraghanta Devi : नवरात्रि की तीसरी देवी मां चंद्रघंटा की उपासना के 4 मंत्र

Chandraghanta Devi : नवरात्रि की तीसरी देवी मां चंद्रघंटा की उपासना के 4 मंत्र - third goddess of navratri Chandraghanta
नवरात्रि की तृतीया को होती है देवी चंद्रघंटा की उपासना। मां चंद्रघंटा का रूप बहुत ही सौम्य है। मां को सुगंधप्रिय है। उनका वाहन सिंह है। उनके दस हाथ हैं। हर हाथ में अलग-अलग शस्त्र हैं। वे आसुरी शक्तियों से रक्षा करती हैं। 
मां चंद्रघंटा की आराधना करने वालों का अहंकार नष्ट होता है और उनको सौभाग्य, शांति और वैभव की प्राप्ति होती है।
 
मंत्र:  
 
सरल मंत्र : ॐ एं ह्रीं क्लीं
 
माता चंद्रघंटा का उपासना मंत्र
 
पिण्डजप्रवरारूढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता।।
 
 
महामंत्र -  
‘या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नसस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:‘ 
 
ये मां का महामंत्र है जिसे पूजा पाठ के दौरान जपना होता है। 
 
मां चंद्रघंटा का बीज मंत्र है- ‘ऐं श्रीं शक्तयै नम:’
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