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Last Updated : मंगलवार, 3 जून 2025 (12:08 IST)

अगर चीन ब्रह्मपुत्र का पानी रोक दे तो क्या होगा? हिमंता बिसवा सरमा ने दिया जवाब

brahmaputra river
Assam Cm on Brahamaputra Water : असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि ब्रह्मपुत्र एक ऐसी नदी है जो भारत में बढ़ती है, घटती नहीं है। उन्होंने कहा कि ब्रह्मपुत्र के कुल जल प्रवाल में चीना का योगदान केव 30 से 35 फीसदी है। वह पाकिस्तान के उस सवाल का जवाब दे रहे थे कि अगर चीन ब्रह्मपुत्र का पानी दिया दे तो क्या होगा?
 
असम सीएम ने अपनी पोस्ट में कहा कि पाकिस्तान की नई डराने वाली कहानी का करारा जवाब, भारत द्वारा जब से पुरानी और एकतरफा सिंधु जल संधि को दरकिनार किया गया है, पाकिस्तान एक नई घबराहट फैलाने की कोशिश कर रहा है: 'अगर चीन ब्रह्मपुत्र का पानी रोक दे तो?'
उन्होंने कहा कि आइए इस झूठी कल्पना को डर से नहीं, बल्कि तथ्यों और राष्ट्रीय स्पष्टता से तोड़ते हैं: ब्रह्मपुत्र: एक ऐसी नदी जो भारत में बढ़ती है — घटती नहीं। चीन ब्रह्मपुत्र के कुल जल प्रवाह में केवल 30–35% योगदान देता है — वह भी ज्यादातर हिमनदों के पिघलने और सीमित वर्षा से। शेष 65–70% जल भारत के भीतर ही उत्पन्न होता है, क्योंकि: 
  • अरुणाचल प्रदेश, असम, नागालैंड और मेघालय में मूसलाधार मानसूनी वर्षा।
  • प्रमुख सहायक नदियाँ: सुबनसिरी, लोहित, कामेंग, मानस, धनसिरी, जिया-भाराली, कोपिली
  • मेघालय की खासी, गारो और जयंतिया पहाड़ियों से जल: कृष्णाई, दिगारू, कुलसी आदि सहायक नदियां
  • भारत-चीन सीमा (तूतिंग) पर प्रवाह: ~2,000–3,000 घन मीटर/सेकंड
  • गुवाहाटी जैसे असम के मैदानों में प्रवाह: मानसून के समय 15,000–20,000 घन मीटर/सेकंड
 
उन्होंने कहा कि ब्रह्मपुत्र भारत में प्रवेश के बाद सशक्त होती है — यह एक भारतीय, वर्षा-पोषित नदी प्रणाली है, न कि किसी एक स्रोत पर निर्भर।
 
असम सीएम ने कहा कि पाकिस्तान के लिए वह सच्चाई जो उसे जाननी चाहिए। अगर चीन कभी ब्रह्मपुत्र के जल को कम भी कर दे (जो कि अब तक किसी भी मंच पर न कहा गया है, न संकेत दिया गया है), तो वह भारत के लिए मददगार हो सकता है, क्योंकि हर वर्ष असम में आने वाली भीषण बाढ़ लाखों को विस्थापित करती है और भारी तबाही लाती है।
 
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, जिसने 74 वर्षों तक सिंधु जल संधि से असमान लाभ उठाया, अब घबरा रहा है क्योंकि भारत अपने जल अधिकारों पर संप्रभु निर्णय ले रहा है। आइए पाकिस्तान को याद दिलाएं: ब्रह्मपुत्र एक ही स्रोत पर आधारित नहीं है —यह हमारे भूगोल, हमारे मानसून और हमारी सभ्यतागत शक्ति से पोषित है।
edited by : Nrapendra Gupta