वैष्णोदेवी के दरबार में बढ़ रहा है श्रद्धालुओं का आंकड़ा
श्रीनगर। वैष्णोदेवी की यात्रा पर आने वाले हजारों श्रद्धालु नोटबंदी और जीएसटी के 'दर्द' को भुला चुके हैं। उनकी बढ़ती संख्या और पिछले साल के आंकड़े को पार कर जाने की उम्मीद दर्शाने लगी है कि श्रद्धालुओं को नोटबंदी तथा जीएसटी ने प्रभावित नहीं किया है।
करीब 4 सालों के बाद वैष्णोदेवी की यात्रा में आंकड़े के बढ़ने की उम्मीद इसलिए जागी है, क्योंकि फिलहाल यात्रा किसी भी घटना और कारणों से अप्रभावित है। अभी तक वैष्णोदेवी आने वालों का आंकड़ा 73 लाख को पार कर चुका है जबकि पिछले साल 31 दिसंबर तक यह संख्या 77.23 लाख थी। आंकड़ों पर एक नजर दौड़ाएं तो 2012 में 1.05 करोड़ का आंकड़ा पार कर जाने वाली यात्रा में अब बढ़ोतरी की उम्मीद बंधने लगी है, क्योंकि अभी लगभग पौने 2 माह का समय बाकी है साल के पूरा होने में।
इन दिनों रोजाना 18 से 20 हजार श्रद्धालु आधार शिविर कटरा पहुंच रहे हैं। वर्तमान में यात्रियों की संख्या में कमी के कारण कटरा पहुंच रहे श्रद्धालुओं को न तो रहने के लिए और न ही मां वैष्णोदेवी के दर्शनों के लिए कोई परेशानी आ रही है। श्रद्धालु परिवार के साथ मां के दर्शन कर रहे हैं। शुष्क मौसम के चलते दिन में श्रद्धालुओं को तेज धूप का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन शाम ढलते ही हल्की ठंड होने से श्रद्धालु हल्के गर्म कपड़े पहनकर भवन की ओर आ जा रहे हैं।
विश्वप्रसिद्ध तीर्थस्थल वैष्णोदेवी भवन पर मां के दर्शन के लिए भारत के अलावा अन्य देशों से लगातार श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। जारी वर्ष में देश में घटित विभिन्न घटनाओं के साथ ही कश्मीर में फैली अशांति भी श्रद्धालुओं के हौसले को नहीं रोक पाई और श्रद्धालु पूरी आस्था के साथ वैष्णोदेवी भवन लगातार पहुंच रहे हैं। इस वर्ष अब तक 73 लाख से ज्यादा श्रद्धालु मां के दर्शन कर चुके हैं, जबकि जारी माह के पहले सप्ताह में अब तक करीब 1.50 श्रद्धालु मां के दरबार पहुंच चुके हैं।
माना यही जा रहा है कि अगले माह नए वर्ष के आगमन को लेकर वैष्णोदेवी यात्रा में काफी बढ़ोतरी होगी जिसका व्यापारी वर्ग बेसब्री से इंतजार कर रहा है। बीते वर्ष 2016 में 6 नवंबर तक कुल 69,49,345 श्रद्धालु मां के दरबार पहुंचे थे, वहीं जारी वर्ष 2017 में 6 नवंबर तक 73,30,024 श्रद्धालु मां के दरबार अब तक पहुंच चुके हैं। बीते वर्ष के मुकाबले जारी वर्ष में अब तक 3.80 लाख अधिक श्रद्धालु मां के दरबार पहुंच चुके हैं और उम्मीद है कि इस वर्ष यात्रा का आंकड़ा 80 लाख को पार कर जाएगा।
वैसे श्रद्धालुओं को घोड़ा, पिट्ठू, पालकी के साथ ही हेलीकॉप्टर तथा बैटरी कार सेवा बिना किसी परेशानी के उपलब्ध हो रही है। इच्छुक श्रद्धालु इसका भरपूर लाभ उठा रहे हैं। चालू वर्ष में लगातार चल रही मां वैष्णोदेवी यात्रा को लेकर स्थानीय व्यापारी भी संतुष्ट नजर आ रहे हैं।
दरअसल, बीते 3-4 वर्ष विभिन्न कारणों से वैष्णोदेवी यात्रा प्रभावित रही जिसने व्यापारी वर्ग की आर्थिक तौर पर कमर तोड़कर रख दी। वर्ष 2014 में उत्तराखंड में त्रासदी, 2015 में कश्मीर में बाढ़ और वर्ष 2016 में आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद बिगड़े माहौल के चलते यात्रा में कमी आई थी। इस वर्ष यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी राज्य के बेहतर होते हालात का प्रमाण है।