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Last Modified: शुक्रवार, 31 जनवरी 2020 (16:18 IST)

उर्मिला मातोंडकर ने सीएए-एनआरसी को बताया अंग्रेजों का रॉलेक्‍ट एक्‍ट

Urmila matondakar
एक्‍ट्रेस उर्मिला मातोंडकर एक बार फिर से सुर्खियों में हैं। इस बार सीएए और एनआरसी को लेकर। देशभर में सीएए और एनआरसी को लेकर विरोध चल रहा है, ठीक इसी समय उर्मिला का बयान आया है। जिस पर विवाद शुरू हो गया है। उर्मिला ने इस नए कानून की तुलना अंग्रेजों के कानून रॉलेक्‍ट एक्‍ट से की है।
यह है उर्मिला का बयान,

'अंग्रेज जानते थे कि 1919 में दूसरे विश्वयुद्ध के बाद भारत में विरोध बढ़ेगा। इसलिए वो रॉलेट एक्ट लेकर आ गए। 1919 का वह कानून और नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019, दोनों ही को इतिहास में काले कानून के रूप में दर्ज किया जाएगा'

उर्मिला मातोंडकर ने कहा कि कथित देशभक्त देश पर इस प्रकार की तानाशाही करना चाहते हैं। उल्‍लेखनीय है कि पहला विश्व युद्ध 1914 से 1918 तक चला था, वहीं दूसरा विश्वयुद्ध 1938 से 1945 तक लड़ गया था। पहले विश्वयुद्ध के बाद 1919 में अंग्रेज रॉलेट एक्ट लेकर आए थे।

उर्मिला ने आगे कहा कि 'ये कानून गरीबों और मुस्लिमों का विरोधी है, इस एक्ट में अंग्रेजी सरकार के पास ये ताकत थी कि सरकार के खिलाफ बोलने वालों को वो जेल में डाल सकते थे। फिलहाल ऐसा ही हो रहा है।

गौरतलब है कि उर्मिला मातोंडकर फिलहाल किसी भी राजनीतिक पार्टी की सदस्‍य नहीं है, लेकिन साल 2019 में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में वो हार गईं थी और कांग्रेस से यह कहकर बाहर हो गई थी कि पार्टी में उन्‍हें तवज्‍जों नहीं दी जा रही है। सीएए और एनआरसी को रॉलेक्‍ट एक्‍ट बताने के बाद उनके इस बयान पर राजनीति गर्मा गई है।