शाह से मिलने को बेताब उपेंद्र कुशवाहा, नहीं मिले तो एनडीए से होंगे बाहर
नई दिल्ली। राष्ट्रीय लोक समता पार्टी प्रमुख व केन्द्रीय राज्य मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा का प्रयास सफल नहीं हुआ। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से उनकी मुलाकात नहीं हो सकी। सूत्र बताते हैं कि उन्होंने शुक्रवार को लगभग एक बजे दिन में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मिलने का प्रयास किया, लेकिन चुनाव में व्यस्त होने के कारण उनका भी समय नहीं मिला। ऐसे में अब उनके एनडीए में बने रहने पर संशय और गहरा हो गया है। हालांकि पार्टी सूत्रों का कहना है कि कुशवाहा आज पटना की फ्लाइट पकड़ने तक शाह के संवाद का इंतजार करेंगे।
भाजपा और रालोसपा के बीच चल रहे इस खेल के बीच सबकी नजर आज होने वाली रालोसपा प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक पर टिकी हुई है। ऐसे में पार्टी दिसम्बर के पहले सप्ताह में कार्यकर्ता शिविर करने पर भी विचार कर रही है। अगर इस विचार को पार्टी नेता ने अंतिम रूप दिया तो चार और पांच दिसम्बर को वाल्मीकिनगर में शिविर होगा और वहीं पार्टी कुछ अहम फैसला ले सकती है। आज की बैठक में केवल नेताओं की राय ली जाएगी। कल की बैठक भी दो चरणों में होगी। पहले पार्टी के राष्ट्रीय नेता आपस में बैठक करेंगे। उसके बाद सभी नेता प्रदेश कार्यसमिति और जिलाध्यक्षों के साथ बैठक करेंगे।
कुशवाहा गुरुवार को दिल्ली गये थे तब उन्होंने कहा था कि वे भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से सीट शेयरिंग पर बात करने का प्रयास करेंगे। भाजपा अध्यक्ष के कार्यालय में समय लेने की सूचना देने के बाद उन्होंने ट्वीट कर इसकी जानकारी भी दी, लेकिन उसके बाद भी अमित शाह से मुलाकत नहीं हुई। प्रवक्ता माधव आनंद ने बताया कि शाह अभी चुनाव में व्यस्त हैं। वे दिल्ली से बाहर हैं। उनके यहां से यह भी खबर नहीं आई है कि शाह नहीं मिलेंगे। लिहाजा आज सुबह तक हम लोग इंतजार करेंगे।
अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले रालोसपा प्रमुख और केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा मुश्किलों से घिरे हुए हैं। पार्टी के दो विधायकों के बगावती संकेत के बाद अब पार्टी के दूसरे सांसद रामकुमार शर्मा ने भी कुशवाहा से संबंध तोड़ने के साफ संकेत दे दिए हैं। जिसके कारण नीतीश और कुशवाहा के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है।
इसी बीच जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण का उपेंद्र कुशवाहा को लेकर एक बयान आया है। उनका कहना है कि नीतीश कुमार या जेडीयू की तबीयत किसी के कुछ कहने से प्रभावित नहीं होती है। यह बयान उन्होंने कुशवाहा द्वारा हाल ही में नीतीश कुमार को लेकर की गई टिप्पणी पर दिया है। कुशवाहा सीट बंटवारे को लेकर काफी समय से नाराज चल रहे हैं। उनका यह बयान ऐसे समय पर आया है जब हाल ही में कुशवाहा ने शरद यादव से दिल्ली में मुलाकात करके एनडीए छोड़ने की अटकलों को तेज कर दिया था।
इससे पहले कुशवाहा लालू प्रसाद यादव की राष्ट्रीय जनता दल से भी नजदीकियां बढ़ाते हुए नजर आ चुके हैं। भाजपा सूत्रों के मुताबिक पार्टी के अंदर मचे घमासान के बीच कुशवाहा ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मिलने का समय मांगा है। इसके लिए वे दिल्ली पहुंचे हैं। वहीं अमित शाह इस समय चुनावी रैली में व्यस्त हैं लेकिन वे शाम तक दिल्ली वापस आ जाएंगे। हो सकता है कि वे कुशवाहा से मुलाकात करेंगे।
कुशवाहा पिछले काफी समय से सीट बंटवारे को लेकर नाराज हैं। भाजपा पहले ही साफ कर चुकी है कि नीतीश बड़े भाई हैं और राज्य में अगला चुनाव उनके ही नेतृत्व में लड़ा जाएगा। इसी वजह से कुशवाहा नाराज चल रहे हैं। उन्हें केवल दो सीटें दी गई हैं जबकि उन्होंने चार मांगी थी। लगता नहीं है कि भाजपा और जेडीयू कुशवाहा के लिए अपने बंद दरवाजे खोलने वाली है। इसी वजह से कुशवाहा को काफी पापड़ बेलने पड़ रहे हैं।
पार्टी के तीन सांसदों में से एक अरुण कुमार ने पहले ही कुशवाहा से दूरी बना रखी है। जदयू, भाजपा और लोजपा में पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के बाद बिहार में सीट बंटवारे की घोषणा करने पर सहमति बन गई है। नए फार्मूले के तहत जदयू-भाजपा को 17-17 व लोजपा को 6 सीटें देने की बात कही जा रही है।