श्रीनगर। दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के त्राल इलाके में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच चल रही मुठभेड़ में सेना के हाथ बड़ी सफलता लगी है। सुरक्षाबलों ने तीन आतंकी मार गिराए हैं। मारे गए आतंकी जाकिर मूसा के आतंकी संगठन अंसार गजवत उल हिंद के हैं। यह गुट अपने आपको अलकायदा का हिस्सा मानता है।
हालांकि सुरक्षाबलों की ओर से आतंकियों को नेस्तनाबूद करने का ऑपरेशन अभी भी जारी है। आईजी मुनीर अहमद खान ने मुठभेड़ में तीन आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि की है। आईजी ने यह भी बताया कि मारे गए आतंकियों के पास से 2एके राइफलें और एक पिस्टल बरामद की गई है। आईजी के अनुसार, मारे गए तीनों स्थानीय आतंकी थे।
अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन अलकायदा ने पिछले दिनों कश्मीर में अपनी जड़ें फैलाने के मकसद से गजवा-ए-हिंद नाम का संगठन बनाने और मूसा को इसका प्रमुख बनाने की घोषणा की थी। सुरक्षा एजेंसियों को त्राल के गुलाब बाग इलाके में तीन आतंकियों के छुपे होने की खबर मिली थी। जिसके बाद सेना ने एसओजी (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) के साथ मिलकर इलाके की घेराबंदी कर दी। ऐसे में खुद को सुरक्षा बलों से घिरा हुआ देख आतंकियों ने गोलियां चलानी शुरू कर दी।
उन्होंने बताया कि दो आतंकी 2015 को आतंकी संगठन से जुड़े थे, जबकि एक आतंकी 2016 में आतंकी संगठन में शामिल हुआ था। आईजी के मुताबिक एनकाउंटर एरिया में एक और आतंकी छुपा हुआ है। जिसको खत्म करने के लिए ऑपरेशन जारी है।
हमले के जवाब में सुरक्षाबलों ने इलाके में मोर्चा संभाल लिया। यहां गौर करने वाली बात यह भी है कि सीएम महबूबा मुफ्ती को बुधवार के दिन पुलवामा जिले में कुछ परियोजनाओं की आधारशिला रखनी थी। लेकिन ऐन मौके पर उनका यह दौरा टाल दिया गया। मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में इस बदलाव की कोई वजह तो स्पष्ट नहीं की गई है। लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि इस मुठभेड़ की आशंका के मद्देनजर ऐसा किया होगा। याद रहे कि घाटी से आतंकियों के खात्मे के लिए सेना ने ऑपरेशन ऑलआउट तैयार किया है। इनमें आतंकियों की लिस्ट बनाई गई है। उसी लिस्ट के आधार पर लगातार आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं। पिछले करीब एक महीने में तकरीबन 115 आतंकियों को ढेर किया जा चुका है।
जानकारी के मुताबिक मारे गए आतंकियों में से दो की पहचान जाहिद और इसहाक के रूप में की गई है। जम्मू-कश्मीर में हिंसा फैलाने के लिए आतंकी संगठन अलकायदा ने गजवा-ए-हिंद नाम का संगठन बनाकर जाकिर मूसा को इस संगठन का चीफ बनाने का एलान किया था।
इससे पहले सुरक्षाबलों ने आतंकरोधी अभियान को जारी रखते हुए मंगलवार को ग्रीष्मकालीन राजधानी के डाउन-टाउन के अलावा दक्षिण कश्मीर के पुलवामा में चार जगह कॉडर्न एंड सर्च ऑपरेशन (कासो) चलाया। इस दौरान सिर्फ निलूरा पुलवामा में ही हिंसा हुई।
अन्यत्र स्थिति शांत रही। इस बीच, सोमवार रात द्रबगाम में घेराबंदी में फंसे लश्कर और हिज्ब के तीन आतंकी मंगलवार तड़के घेराबंदी तोड़ भागने में कामयाब रहे। अधिकारियों ने बताया कि श्रीनगर के सफाकदल इलाके में पुलिस और सीआरपीएफ के एक संयुक्त कार्यदल ने आतंकियों के छिपे होने की सूचना पर तलाशी अभियान चलाया। यह अभियान करीब एक घंटे तक चला।
इसी दौरान दक्षिण कश्मीर के नैना-संगम में भी सुरक्षाबलों ने करीब तीन घंटे तक कुछ मकानों को खंगाला। पुलवामा जिले के नेवा इलाके में रात करीब दस बजे सुरक्षाबलों ने तलाशी अभियान शुरू किया। सुरक्षाबलों ने आतंकियों के छिपे होने की संदेह पर एक जगह एहतियातन हवा में गोली भी चलाई, लेकिन इसके जवाब में कोई फायर नहीं आया। फिलहाल, तलाशी अभियान जारी है।
नेवा से पहले सुरक्षाबलों ने पुलवामा जिले के निलूरा इलाके में आतंकियों के छिपे होने की सूचना पर घेराबंदी कर तलाशी अभियान चलाया, लेकिन कुछ ही देर में वहां लोग उत्तेजक नारेबाजी करते हुए घरों से बाहर निकल आए। उन्होंने सुरक्षाबलों को घेराबंदी हटाने के लिए कहते हुए पथराव शुरू कर दिया। स्थिति पर काबू पाने के लिए सुरक्षाबलों को भी हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। बाद में सुरक्षाबलों ने कुछ संदिग्ध मकानों की तलाशी में कुछ नहीं मिलने पर अभियान समाप्त कर दिया।