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Last Updated : शनिवार, 27 अक्टूबर 2018 (01:25 IST)

दूरसंचार कंपनियां सत्यापन के लिए 'आधार' ई केवाईसी का उपयोग बंद करें

दूरसंचार कंपनियां  सत्यापन के लिए 'आधार' ई केवाईसी का उपयोग बंद करें - Telecommunications companies
नई दिल्ली। सरकार ने दूरसंचार कंपनियों को मौजूदा मोबाइल फोन ग्राहकों तथा नए कनेक्शन देने के लिए 'आधार' ई-केवाईसी सत्यापन बंद करने को कहा है। उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुपालन को लेकर सरकार ने शुक्रवार को यह निर्देश जारी किया।
 
 
शीर्ष अदालत ने कानूनी प्रावधान के अभाव में पिछले महीने महत्वपूर्ण फैसले में निजी इकाइयों द्वारा 'आधार' का उपयोग बंद करने को कहा था। न्यायालय के आदेश के अनुपालन को दूरसंचार विभाग ने दूरसंचार कंपनियों के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किया है।

इसमें कंपनियों से विशिष्ट पहचान संख्या ('आधार') के जरिए इलेक्ट्रॉनिक रूप से अपने ग्राहक को जानो (ई-केवाईसी) का इस्तेमाल करने पर रोक लगाने को कहा गया है। साथ ही अनुपालन रिपोर्ट 5 नवंबर तक देने को कहा है।
 
दूरसंचार विभाग ने 3 पन्नों के परिपत्र में कहा कि मौजूदा ग्राहकों के सत्यापन के साथ-साथ नया सिम कनेक्शन देने के लिए 'आधार' ई-केवाईसी का उपयोग नहीं किया जा सकता, हालांकि विभाग ने कहा है कि अगर ग्राहक नए कनेक्शन के लिए स्वेच्छा से 'आधार' देता तो इसे दस्तावेज के रूप में उपयोग किया जा सकता है यानी इसका उपयोग ऑफलाइन किया जा सकता है।
 
दूरसंचार विभाग ने परिपत्र में कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुपालन के लिए सभी लाइसेंस प्राप्त दूरसंचार कंपनियां सत्यापन के साथ-साथ नया मोबाइल कनेक्शन जारी करने को लेकर भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) की 'आधार' ई-केवाईसी सेवा का उपयोग बंद करेंगी। इसमें कहा गया है कि सभी दूरंसचार सेवा प्रदाता समयबद्ध तरीके से इसका अनुपालन सुनिश्चित करेंगी। इस बारे में अनुपालन रिपोर्ट 5 नवंबर 2018 तक देने की जरूरत है।
 
दूरसंचार विभाग के अनुसार उद्योग ने मोबाइल ग्राहकों के लिए वैकल्पिक डिजिटल प्रक्रिया का सुझाव दिया है। इसमें 'ग्राहक एक्वीजिशन फॉर्म' के साथ ग्राहक की 'लाइव' तस्वीर तथा पहचान एवं पते के लिए स्कैन कॉपी का उपयोग होगा। इससे नए मोबाइल ग्राहकों के लिए प्रक्रिया डिजिटल तथा कागजरहित रहेगी। विभाग ने सभी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं से अपनी प्रणाली को इसके लिए तैयार करने तथा प्रस्तावित डिजिटल प्रक्रिया की मंजूरी के लिए 5 नवंबर तक प्रस्ताव देने को कहा है।