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Last Modified: जम्मू , शुक्रवार, 22 दिसंबर 2023 (23:17 IST)

J&K में LOC पर सुरक्षा बढ़ाने की जरूरत, खुफिया नेटवर्क हो मजबूत : विशेषज्ञ

J&K में LOC पर सुरक्षा बढ़ाने की जरूरत, खुफिया नेटवर्क हो मजबूत : विशेषज्ञ - Statement of experts regarding security management and intelligence network
Experts' statement regarding security in Jammu and Kashmir : सुरक्षा और रक्षा विशेषज्ञों ने जम्मू क्षेत्र में नियंत्रण रेखा (LOC) पर सुरक्षा प्रबंधन और खुफिया नेटवर्क को तत्काल मजबूत करने की आवश्यकता जताई है। इस क्षेत्र में वर्ष 2023 में आतंकवादी घटनाओं में 59 लोगों की मौत हुई है, जिनमें 24 सुरक्षाकर्मी और 28 आतंकवादी शामिल हैं।
 
सीमावर्ती पुंछ जिले में सेना के दो वाहनों पर भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले में पांच सैनिकों के मारे जाने और दो के घायल होने के एक दिन बाद विशेषज्ञों ने क्षेत्र में आतंकवादियों की बढ़ती गतिविधियों पर चिंता व्यक्त की।
 
सेना की नगरोटा स्थित सोलहवीं कोर का नेतृत्व कर चुके लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) परमजीत सिंह ने स्वीकार किया कि जिस इलाके में यह घटना हुई, वह दुर्गम इलाका है। उन्होंने कहा, लेकिन यह कहा सकता है कि सभी परिस्थितियों के लिए तैयार रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि कोर के शीर्ष अधिकारियों को एक बार फिर से क्षेत्र में लगातार होने वाली घटनाओं का विश्लेषण करना चाहिए।
 
वर्ष 2019 में बालाकोट हमले में शामिल सेना के अधिकारियों में से एक ले. जनरल सिंह ने कहा, इस क्षेत्र में तस्करों और ‘ड्रग कार्टेल’ और इस तंत्र से जुड़े लोगों के बीच अपवित्र गठजोड़ है। इसकी रीढ़ तोड़ने की तत्काल आवश्यकता है। फरवरी, 2019 में पुलवामा में एक कार बम विस्फोट में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के 40 जवानों के मारे जाने के बाद भारत ने विशेष रूप से प्रतिबंधित जैश-ए-मोहम्मद समूह के आतंकी शिविरों पर जवाबी हमला किया था।
ले. जनरल सिंह ने यह भी सलाह दी कि अब समय आ गया है कि शीर्ष अधिकारी जंगलों में लड़े जाने वाले युद्ध के बुनियादी प्रशिक्षण पर फिर से विचार करें। उन्होंने कहा, हमें तकनीकी इनपुट पर अधिक निर्भर नहीं रहना चाहिए, क्योंकि वे कई बार गुमराह करने वाले होते हैं।
 
रक्षा विशेषज्ञ कर्नल (सेवानिवृत्त) एसएस पठानिया ने आतंकी घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा, पिछले दो महीनों में यह दूसरी घटना है। यह क्षेत्र दो साल पहले तक शांतिपूर्ण था। पिछले दो वर्षों में यहां 24 सैनिक शहीद हुए हैं। ऐसा क्यों हो रहा है? आतंकवादियों का हौसला इतना बढ़ क्यों गया है?
 
उन्होंने कहा कि एलओसी प्रबंधन और खुफिया नेटवर्क को मजबूत करने पर ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, एलओसी सुरक्षा प्रबंधन अचूक होना चाहिए और खुफिया नेटवर्क को मजबूत किया जाना चाहिए।
 
सुरक्षा विशेषज्ञ कैप्टन (सेवानिवृत्त) अनिल गौड़ ने भी क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति पर चिंता व्यक्त की और खुफिया नेटवर्क में पूर्ण सुधार का आह्वान किया। उन्होंने कहा, पाकिस्तान इन घटनाओं को अंजाम देकर इस क्षेत्र में आतंकवाद को पुनर्जीवित करने की कोशिश कर रहा है। आतंकवाद से निपटने में कुछ खामियां हैं। यह चिंता का विषय है।
 
उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि क्षेत्र की खुफिया और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जाए और सभी आतंकवादियों को नेस्तनाबूत किया जाए। उन्होंने कहा कि यह बहुत ही दुर्गम इलाका है, जिसमें बहुत सारी गुफाएं हैं।
 
जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में गुरुवार को भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों ने सेना के दो वाहनों पर घात लगाकर हमला किया, जिसमें पांच सैनिक मारे गए और दो घायल हो गए। नवीनतम घटना के साथ, राजौरी, पुंछ और रियासी के सीमावर्ती जिलों में आतंकवादी घटनाओं में मारे गए लोगों की कुल संख्या 59 हो गई है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour
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