ऐसी है मजदूरों के मसीहा बने ‘छेदी लाल’ की ‘लव स्टोरी’
आजकल न्यूज चैनल से लेकर सोशल मीडिया तक सिर्फ सोनू सूद की तारीफ हो रही है। कोई उन्हें मसीहा कह रहा है तो कोई रीयल लाइफ हीरो। किसी प्रवासी मजूदर मां ने तो अपने बेटे का नाम ही सोनू सूद रख लिया है।
बॉलीवुड से जुड़े किसी भी सेलिब्रेटी की लाइफ काफी पब्लिक होती है लेकिन सोनू सूद के मामले में ऐसा बिल्कुल नहीं है। वे मीडिया से दूर रहते हैं और उनकी पर्सनल लाइफ के बारे में भी लोग ज्यादा नहीं जानते हैं। लेकिन अब हर कोई उनके बारे में जानना चाहता है। आइए जानते हैं कैसे उनकी पत्नी सोनाली से उनकी मुलाकात हुई और फिर शादी के बंधन में बंध गए।
दरअसल सोनू की सोनाली से मुलाकात तब हुई थी जब वो इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे। अपनी निजी जिंदगी पर बात करते हुए एक इंटरव्यू में उन्होंने सोनाली के बारे में बताया था। पहले मुलाकात हुई फिर यह मुलाकात दोस्ती और फिर प्यार में बदल गई। 25 सितंबर 1996 में दोनों ने शादी कर ली। अब करीब 23 साल बाद भी दोनों बेहद प्यार से साथ में रहते हैं। उनके दो बेटे भी हैं।
एक कमरे में रहना पड़ा
इंटरव्यू में सोनू ने बताया था कि किस तरह सोनाली ने हर कदम पर उनका साथ दिया। मुंबई में स्ट्रगलिंग पीरियड के दौरान उन्हें एक ऐसे फ्लैट में रहना पड़ा था जिसमें तीन और लोग भी रहते थे। शादी के बाद सोनाली, सोनू के साथ खुशी-खुशी एक कमरे में रहीं और कभी शिकायत नहीं की। सोनू बताते हैं कि ‘शुरुआत में वो नहीं चाहती थीं कि मैं एक्टर बनूं लेकिन अब वो मुझपर गर्व करती हैं’
लेकिन फिल्मों में होने के बावजूद सोनू सूद और उनकी पत्नी सोनाली लाइम लाइट से दूर रहते हैं। सोनू पंजाबी हैं और पंजाब के मोगा से ताल्लुक रखते हैं जबकि उनकी पत्नी तेलुगु हैं।
सोनू ने इंजीनिरिंग के बाद मॉडलिंग की और वे मिस्टर इंडिया कॉन्टेस्ट में भी प्रतियोगी रहे। उन्होंने एक्टिंग करियर की शुरुआत 1999 की तमिल फिल्म 'कल्लाझागर' से की थी। बॉलीवुड में कई फिल्मों में उन्होंने यादगार काम किया लेकिन सलमान खान की फिल्म 'दबंग' में उनका छेदी लाल का किरदार खूब पसंद किया गया।