रामसेतु के बारे में आईसीएचआर कोई शोध नहीं करेगी
नई दिल्ली। भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद (आईसीएचआर) के नवनियुक्त अध्यक्ष अरविंद जामखेड़कर ने कहा है कि रामसेतु मानव निर्मित है या प्राकृतिक, इस बारे में पता लगाने के लिए परिषद कोई शोध नहीं करने जा रही या इस किस्म के किसी शोध के लिए आर्थिक मदद देने भी नहीं जा रही है। इसके साथ ही, पहले इस संबंध में की गई घोषणा को भी उन्होंने खारिज कर दिया।
परिषद ने पिछले वर्ष मार्च में घोषणा की थी कि रामसेतु या एडम्स ब्रिज के प्राकृतिक या कृत्रिम होने के बारे में पता लगाने के लिए वह जल के भीतर शोध तथा अध्ययन करेगी।
जामखेड़कर ने कहा कि एक इतिहासकार ने इस तरह की परियोजना शुरू करने का प्रस्ताव दिया था लेकिन परिषद के सदस्य इसके पक्ष में नहीं थे बल्कि सदस्य तो बहुत नाराज थे। हम ऐसा कोई शोध नहीं करेंगे और न ही ऐसे किसी शोध को वित्त पोषित करेंगे। जामखेड़कर ने 5 मार्च को आईसीएचआर का प्रभार संभाला था।
उन्होंने साक्षात्कार में कहा कि अन्वेषण या इस तरह का काम इतिहासकारों का नहीं होता। ऐसे काम के लिए उपयुक्त एजेंसियां हैं, जैसे कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण। आईसीएचआर अधिक से अधिक यह कर सकता है कि संबद्ध किसी एजेंसी को ऐसा सुझाव दे। उनके पूर्ववर्ती वाई. सुर्दशन राव ने घोषणा की थी कि पायलट परियोजना के तहत सैद्धांतिक प्रशिक्षण शुरू होगा और अन्वेषण बाद में किया जाएगा। (भाषा)