शुक्रवार, 27 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Rajnath Singh DefExpo 2020
Written By
Last Modified: सोमवार, 4 नवंबर 2019 (19:53 IST)

रक्षामंत्री का बड़ा बयान, रक्षा क्षेत्र में भागीदारी के लिए खुले हैं भारत के दरवाजे

रक्षामंत्री का बड़ा बयान, रक्षा क्षेत्र में भागीदारी के लिए खुले हैं भारत के दरवाजे - Rajnath Singh DefExpo 2020
नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि भारत चौथी पीढ़ी का लड़ाकू विमान, परमाणु पनडुब्बी और युद्धक टैंक बनाने की क्षमता रखने वाले चुनिंदा देशों में शामिल हैं और रक्षा विनिर्माण के क्षेत्र में आधार बढ़ाने के लिए वह दुनिया के तमाम देशों के साथ भागीदारी की संभावना तलाश रहा है।
 
उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ में अगले वर्ष फरवरी में होने वाली रक्षा प्रदर्शनी 'डेफ एक्सपो' से पहले सिंह ने सोमवार को यहां 80 से भी अधिक देशों के राजदूतों तथा रक्षा अताचियों के साथ 'एम्बेसेडर्स राउंड टेबल' बैठक में कहा कि दक्षिण तथा दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के सबसे बड़े रक्षा औद्योगिक तंत्रों में से एक भारत में है और इस क्षेत्र में हम अपनी स्थिति मजबूत बनाना चाहते हैं।
 
भारत दुनिया के उन चुनिंदा देशों में शामिल हैं, जो चौथी पीढ़ी के लड़ाकू विमान से लेकर परमाणु पनडुब्बी बनाने की क्षमता रखता है। उन्होंने कहा कि भारत में रक्षा क्षेत्र के 9 प्रमुख सार्वजनिक उपक्रम हैं, 41 आयुध निर्माणी हैं और 50 अनुसंधान तथा विकास प्रयोगशाला हैं। करीब 70 लाइसेंस होल्डिंग निजी कंपनी भी रक्षा विनिर्माण के क्षेत्र में काम कर रही हैं।
 
भारत विभिन्न सैन्य प्लेटफॉर्म की मरम्मत, रखरखाव, ओवरहालिंग और सर्विस के गढ़ के रूप में भी उभरकर सामने आया है। भारतीय रक्षा उद्योग अब परिपक्व हो गया है और वह मित्र देशों के साथ साझेदारी में देश तथा विदेशों में रक्षा उद्योगों की स्थापना की संभावना तलाश रहा है।
 
सिंह ने कहा कि सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में ऐसा रक्षा औद्योगिक आधार बनाने पर ध्यान केंद्रित किया है, जो तकनीकी रूप से प्रतिस्पर्धी, सुविधाओं से लैस विनिर्माण केंद्र और लाभकारी व्यावसायिक अवसर उपलब्ध कराता है।
 
उन्होंने कहा कि वर्ष 2018-19 में सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की रक्षा कंपनियों का उत्पादन रिकॉर्ड 80 हजार 502 करोड़ रुपए पर पहुंच गया, जो 11.5 अरब डॉलर के बराबर है। वर्ष 2019-20 के लिए सरकार ने 90 हजार करोड़ डॉलर का लक्ष्य रखा है, जो 13 अरब डॉलर के बराबर है। वर्ष 2018-19 में रक्षा निर्यात 10,746 करोड रूपए रहा और वर्ष 2019-20 के लिए निर्यात का लक्ष्य 15 हजार करोड़ रुपए रखा गया है। 
 
ये भी पढ़ें
राहुल गांधी का कटाक्ष, 'मेक इन इंडिया' अब 'बाय फ्रॉम चाइना' हो गया है