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Last Updated : रविवार, 27 सितम्बर 2020 (19:40 IST)

विपक्ष और किसानों के विरोध के बीच कानून में बदले तीनों कृषि विधेयक, राष्ट्रपति ने लगाई मुहर

विपक्ष और किसानों के विरोध के बीच कानून में बदले तीनों कृषि विधेयक, राष्ट्रपति ने लगाई मुहर - president ramnath kovinds seal of all three farmers bill 2020 changed in law amid large scale protests
नई दिल्ली। विपक्ष और किसानों के विरोध प्रदर्शनों के बीच कृषि विधेयक अब कानून में बदल गए हैं। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने विधेयकों पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। अब ये विधेयक कानून हो गए हैं। कृषि विधेयकों के खिलाफ पंजाब, हरियाणा सहित उत्तर भारत में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं।
किसानों द्वारा ट्रेनें रोकी जा रही हैं। कृषि विधेयकों के विरोध में शिरोमणि अकाली दल ने एनडीए से नाता तोड़ लिया। एनडीए में 24 साल से शामिल अकाली दल ने बीजेपी का साथ छोड़ दिया। कृषि विधेयक को लेकर केंद्र सरकार में मंत्री हरसिमरत कौर ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था।

इस बिल का संसद में भी भारी विरोध हुआ था। विपक्ष भी बिल का विरोध कर रहा है। हंगामा करने को लेकर राज्यसभा के 8 सांसदों को निलंबित भी किया गया है।
विधेयकों के विरोध में किसान संगठनों द्वारा 25 सितम्बर को ही भारत बंद भी बुलाया गया था। किसानों की मांग है कि इन विधेयकों को वापस लिया जाए।

गजट अधिसूचना के अनुसार राष्ट्रपति ने 3 विधेयकों को मंजूरी दी। ये विधेयक हैं- 1) किसान उपज व्‍यापार एवं वाणिज्‍य (संवर्धन एवं सुविधा) विधेयक, 2020, 2) किसान (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) मूल्‍य आश्‍वासन अनुबंध एवं कृषि सेवाएं विधेयक, 2020 और 3) आवश्‍यक वस्‍तु (संशोधन) विधेयक, 2020।
 
किसान उत्पाद व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) विधेयक, 2020 का उद्देश्य विभिन्न राज्य विधानसभाओं द्वारा गठित कृषि उपज विपणन समितियों (एपीएमसी) द्वारा विनियमित मंडियों के बाहर कृषि उपज की बिक्री की अनुमति देना है।
 
किसानों (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) का मूल्‍य आश्‍वासन अनुबंध एवं कृषि सेवाएं विधेयक का उद्देश्य अनुबंध खेती की इजाजत देना है।
 
आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक अनाज, दालों, आलू, प्याज और खाद्य तिलहन जैसे खाद्य पदार्थों के उत्पादन, आपूर्ति, वितरण को विनियमित करता है।

किसानों को डर है कि अब कानून बने ये विधेयक न्यूनतम समर्थन मूल्य ख़त्म कर देंगे। हालांकि मोदी सरकार ने आश्वासन दिया है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य जारी रहेगा। (इनपुट भाषा)
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