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Last Modified: बुधवार, 4 सितम्बर 2019 (16:37 IST)

भारत और रूस को पसंद नहीं 'तीसरे' का दखल-नरेन्द्र मोदी

भारत और रूस को पसंद नहीं 'तीसरे' का दखल-नरेन्द्र मोदी - PM Modi says, India and Russia doesn't like interfarence of 3rd
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत और रूस अपने आंतरिक मामलों में किसी तीसरे के दखल के खिलाफ हैं। मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ हुई बैठक में कई समझौतों पर हस्ताक्षर भी हुए। 
 
मोदी ने कहा कि दोनों देशों की दोस्ती का सफर तेजी से बढ़ा है। रूस के हथियारों के उपकरण भारत में बनेंगे। जबकि, रूस ने कहा कि वह भारत को सबसे आधुनिक हथियार दे रहा है और भविष्य में भी देता रहेगा।
 
इस अवसर पर पुतिन ने कहा कि दोनों देशों के नेता लगातार एक दूसरे से संपर्क में रहते हैं। दोनों देश के बीच समुद्री मार्ग विकास पर भी समझौता हुआ है। उन्होंने कहा कि कुडनकुलम परमाणु प्लांट की तीसरी यूनिट जल्द शुरू होगी। पुतिन ने कहा कि भारत के साथ आर्थिक और सामरिक संबंध और मजबूत करना है।
 
मोदी ने अपनी ढाई घंटे लंबी प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता में कहा कि मैं क्षेत्र के विकास के लिए आपकी प्रतिबद्धता और दूरदृष्टि का कायल हूं। मोदी ने कहा कि पूर्वी आर्थिक फोरम के लिए आपका निमंत्रण मेरे लिए सम्मान की बात है। यह दोनों देशों के बीच सहयोग के लिए एक नया आयाम देने का एक ऐतिहासिक अवसर है। मैं पांच सितंबर (गुरुवार) को इस मंच की बैठक में भाग लेने के लिए उत्सुक हूं।
 
मैं पुतिन का आभारी हूं : प्रधानमंत्री ने अपने एक अन्य संदेश में लिखा कि ज्वेजदा पोत निर्माण परिसर में मेरे साथ जाने के लिए राष्ट्रपति पुतिन का मैं आभारी हूं। यह आर्कटिक शिपिंग के विकास में बड़ा योगदान देने के लिए तैयार हैं। इससे पहले दोनों नेताओं ने ज्वेजदा पोत निर्माण परिसर का दौरा किया।
 
बड़ा सम्मान : प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से ट्वीट किया गया कि भारत और रूस के दोस्ताना रिश्तों ने नए अध्याय की पटकथा लिखी है। पुतिन ने प्रतिनिधि स्तर की बातचीत समाप्त होने के बाद कहा कि यह उनके देश के लिए प्रतिष्ठित सर्वोच्च रूसी नागरिक पुरस्कार ‘ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द अपॉस्टल’ प्रदान करना एक बड़ा ‘सम्मान’ था।
 
इस वर्ष अप्रैल में मॉस्को में पुतिन के कार्यालय के एक आदेश में कहा था कि मोदी को ‘रूस और भारत बीच विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त सामरिक साझेदारी के विकास में विशिष्ट उपलब्धि’ के लिए प्रतिष्ठित पुरस्कार दिया गया है।
 
पूर्वी आर्थिक फोरम में जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे, मंगोलिया के राष्ट्रपति खाल्तमा बत्तूलगा और मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहमम्द भी उपस्थिति रहेंगे। तीन दिवसीय कार्यक्रम में चीन, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर और इंडोनेशिया समेत अन्य देशों के मंत्रिमंडल के सदस्य भी भाग लेंगे। मोदी को फोरम के लिए मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है।
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