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  4. Now there is only one hope for Nimisha Priya life, method of death penalty in Yemen is very horrific and cruel
Last Updated : मंगलवार, 15 जुलाई 2025 (12:34 IST)

निमिषा की जिंदगी के लिए अब एक ही उम्मीद, बहुत ही भयावह और क्रूर है यमन में मृत्युदंड का तरीका

Now there is only one hope for Nimisha Priya to survive
Death sentence to Nimisha Priya in Yemen: केरल में पलक्कड़ जिले के कोल्लंगोड की निमिषा प्रिया के जिंदगी के अब कुछ ही घंटे शेष है। यदि किसी चमत्कार के चलते उनकी सजा टल जाती है या फिर रुक जाता है तो उनकी सांसें आगे भी चल सकती हैं अन्यथा यमन सरकार की घोषणा के अनुसार उन्हें 16 जुलाई को मृत्युदंड दिया जाएगा। भारत सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि उसने जितनी कोशिश करनी थी कर ली, अब कुछ नहीं किया जा सकता है। नवंबर 2023 में यमन की सुप्रीम ज्यूडिशियल काउंसिल ने निमिषा के मृत्युदंड के फैसले पर अपनी अंतिम मुहर लगा दी थी। 
 
एक ही सूरत में बच सकती है जान : मानवाधिकार संगठनों और परिवार का मानना है कि यदि तलाल अब्दो महदी के परिजन यदि ब्लड मनी स्वीकार कर लें, तो निमिषा को फांसी से बचाया जा सकता है। भारतीय सामाजिक संगठनों और वकीलों की एक टीम इस दिशा में प्रयास कर रही है। 
 
सेव निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल और उनके परिवार द्वारा यमन के कानून के तहत 'ब्लड मनी' यानी दिय्याह के रूप में पीड़ित परिवार को 1 मिलियन डॉलर (लगभग 8.5 करोड़ रुपए) देने की पेशकश की गई है, लेकिन अभी तक परिवार ने कोई जवाब नहीं दिया है। निमिषा के गांव कोल्लंगोड में लोग उसे बचाने के लिए प्रार्थनाएं और व्रत कर रहे हैं कि किसी चमत्कार से निमिषा की जान बच जाए। ALSO READ: nimisha priya : कैसे बचेगी भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की जान, क्या होती है ब्लड मनी, किन हालातों में रुक सकती है फांसी
 
क्या है यमन में सजा का तरीका : यमन में फांसी का तरीका दुनिया के सबसे क्रूर और भयावह तरीकों में गिना जाता है। दोषी व्यकित को मुंह के बल जमीन पर लिटा दिया जाता है। एक मेडिकल स्टाफ व्यक्ति के दिल और पीठ पर निशान लगाता है। इसके बाद एसॉल्ट राइफल से गोलियों की बौछार कर दी जाती है। कई बार यह सजा सार्वजनिक रूप से दी जाती है। 
 
क्या है निमिषा प्रिया का मामला : निमिषा 2008 में नर्स के रूप में काम करने के लिए केरल के पलक्कड़ से से यमन गई थीं। यमन के कानून के मुताबिक उन्हें क्लीनिक खोलने के लिए एक स्थानीय साझेदार रखना अनिवार्य था। इसके लिए उन्होंने तलाल अब्दो महदी नामक व्यक्ति को को साझेदार बनाया। ALSO READ: केंद्र सरकार निमिषा प्रिया की रिहाई के लिए कदम नहीं उठा रही : केसी वेणुगोपाल
 
निमिषा का आरोप था कि मेहदी ने उन्हें मानसिक, शारीरिक और वित्तीय रूप से प्रताड़ित किया, उनका पासपोर्ट जब्त कर लिया और नकली विवाह प्रमाण पत्र भी बनवाए। इस सबसे तंग आकर जुलाई 2017 में निमिषा ने कथित तौर पर महदी को बेहोशी की दवा दी, जिससे उसकी मौत हो गई। निमिषा के पहली बार 2020 में मौत की सजा सुनाई गई और 2023 में उनकी अंतिम अपील भी खारिज कर दी गई।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala 
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