'नो फ्लाई सूची' के नियमों से हवाई यात्री संघ नाराज
नई दिल्ली। हवाई यात्रियों के संघ एयर पैसेंजर एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एपीएआई) ने उद्दंड यात्रियों से निपटने के लिए सरकार द्वारा शुक्रवार को जारी 'नो फ्लाई सूची' के नियमों को एकतरफा बताया है।
एपीएआई के अध्यक्ष डी. सुधाकर रेड्डी ने बताया कि इस नियम में यात्रियों के हितों का ध्यान नहीं रखा गया है। उन्हें भी यह अधिकार मिलना चाहिए कि चालक दल के सदस्यों या एयरलाइंस कर्मचारियों के दुर्व्यवहार की स्थिति में वे इसकी शिकायत कर सकें।
उन्होंने कहा कि यात्रियों को शिक्षित करने की जरूरत है। 'हवाई चप्पल वालों को हवाई जहाज में सफर' कराने के लिए सरकार क्षेत्रीय संपर्क योजना 'उड़ान' लेकर आई है। सरकार चाहती है कि जो लोग अब तक हवाई जहाज में यात्रा नहीं कर रहे हैं, वे भी पहली बार हवाई यात्रा करने वाले बनें। ऐसे में नियमों के बारे में जागरूकता और हल्के उल्लंघन की कम से कम एक बार अनदेखी की जानी चाहिए। पहले दिन से किसी नियम को कड़ाई से लागू कर देना गलत होगा।
रेड्डी ने अपील प्रक्रिया को भी अव्यावहारिक बताया। उन्होंने कहा कि देशभर में कितनी समितियां बनाई जाएंगी। अभद्र भाषा के इस्तेमाल के बारे में उन्होंने कहा कि जब उड़ान में देरी होती है तो यात्रियों का धैर्य टूटना स्वाभाविक है। इसके अलावा देश में कई भाषाएं हैं और अलग-अलग भाषा के इस्तेमाल से भी गलतफहमी पैदा हो सकती है।
नए नियमों के अनुसार अभद्र भाषा के इस्तेमाल पर 3 महीने तक के लिए 'नो फ्लाई सूची' में नाम आ जाएगा। शारीरिक दुर्व्यवहार जैसे हाथापाई, मारपीट, गलत तरीके से छूने आदि के लिए 6 महीने तक सूची में नाम डाला जा सकता है। जानलेवा हमला करने या विमान के उपकरणों को नुकसान पहुंचाने के प्रयास में कम से कम 2 साल और अधिकतम आजीवन प्रतिबंध लग सकता है। (वार्ता)