भारतीय मस्तिष्क का खाका बनाने में जुटे विशेषज्ञ
नई दिल्ली। भारतीय न्यूरोसाइंटिस्ट इनसान के मस्तिष्क का भारतीय टेंप्लेट (खाका) बनाने की कोशिशों में जुटे हुए हैं।
वैज्ञानिकों का कहना है कि इनसान के मस्तिष्क में जाति या प्रजाति के आधार पर भिन्नता होती है। अब उन्होंने दावा किया है कि एक देश में क्षेत्र के आधार पर भी भिन्नता होती है। यह अध्ययन हरियाणा के नेशनल ब्रेन रिसर्च सेंटर (एनबीआरसी) में किया गया है।
एनबीआरसी में वैज्ञानिकों का समूह भारतीय मस्तिष्क का प्रोटोटाइप तैयार कर रहा है। इसके लिए उन्होंने महिलाओं और पुरुषों के तकरीबन 150 मस्तिष्क के स्कैन का अध्ययन किया। यह एमआरआई स्कैन है, जो देश के विभिन्न हिस्सों से ली गई हैं। प्रमुख शोधकर्ता पर्वत कुमार मंडल का कहना है कि हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश से एक व्यक्ति के मस्तिष्क का एमआरआई स्कैन है।
पर्वत मंडल का कहना है कि भारतीय आबादी के मस्तिष्क में क्षेत्र, मात्रा और आकार के आधार पर मान लीजिए कि कनाडा की आबादी के मस्तिष्क से भिन्नताएं हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि यह एक नया आदर्श होगा जो भविष्य में होने वाले अध्ययन का आधार बनेगा। इस अध्ययन को डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी की ओर से वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है।
वैज्ञानिक काफी समय से विभिन्न क्षेत्रों के लोगों के मस्तिष्क की तस्वीरों में अंतर की ओर इशारा करते रहे हैं। उन्होंने मस्तिष्क के विभिन्न हिस्सों और न्यूरॉन के घनत्व की ओर भी इशारा किया है। चीन, दक्षिण और कनाडा के अपने टेंप्लेट या खाके बनाए हैं। चीन का टेंप्लेट जहां एक हजार प्रतिभागियों पर आधारित है, वहीं कनाडा का टेंप्लेट तीन सौ प्रतिभागियों के स्कैन पर आधारित है। वहीं भारत में यह संख्या बहुत कम है।