नरेन्द्र मोदी का प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिले और उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया। इससे पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक बुलाई। बैठक में 16 वीं लोकसभा को भंग करने का प्रस्ताव पारित किया।
जानकारी के मुताबिक शुक्रवार शाम मोदी राष्ट्रपति कोविंद से मिले और उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया। राष्ट्रपति ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर उन्हें नई सरकार के गठन तक कार्यवाहक प्रधानंमत्री बने रहने को कहा है।
16वीं लोकसभा का कार्यकाल 3 जून को समाप्त हो रहा है। 17वीं लोकसभा का गठन 3 जून से पहले किया जाना है और नए सदन के गठन की प्रक्रिया अगले कुछ दिनों में तब शुरू होगी जब तीनों चुनाव आयुक्त राष्ट्रपति से मिलेंगे और नव निर्वाचित सदस्यों की सूची सौपेंगे।
मोदी 30 मई को प्रधानमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं : मोदी नई सरकार के गठन के लिए 26 मई राष्ट्रपति के समक्ष अपना दावा पेश करेंगे। बताया जा रहा है कि मोदी 30 मई को प्रधानमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। इसके पहले मोदी वाराणसी और गुजरात का दौरा करेंगे। मोदी का 28 मई को वाराणसी जाने का कार्यक्रम तय है जबकि गुजरात में वे अपनी मां का आशीर्वाद लेने भी जाने वाले हैं।
इस बीच, नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में नई सरकार के गठन के लिए भी गतिविधिया तेज हो गई हैं। मेनका गांधी और संजय गंगवार में से किसी को प्रोटेम स्पीकर बनाया जा सकता है। शनिवार को संसद भवन के सेंट्रल हॉल में एनडीए के नेताओं की बैठक भी होगी।
आडवाणी, जोशी से मिले मोदी, पैर छू कर लिया आशीर्वाद : लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की भारी जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी तथा पूर्व भाजपा अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी के घर जाकर उनसे मुलाकात की और दोनों नेताओं के पैर छू कर आशीर्वाद लिया।
मोदी ने दोनों मुलाकातों की तस्वीरें ट्विटर पर साझा की हैं। मोदी और शाह के साथ सबसे पहले 27, पृथ्वीराज रोड स्थित आडवाणी के निवास पर पहुंचे। आडवाणी ने उनका दरवाजे पर स्वागत किया और मोदी ने पूरी श्रद्धा से झुक कर दोनों हाथों से आडवाणी के चरण स्पर्श किए। इससे आडवाणी इससे भावुक हो गए।
मोदी ने ट्विटर पर लिखा, 'आदरणीय आडवाणी जी के घर जाकर उनसे मुलाकात की। आज भाजपा की यह सफलता संभव हुई है क्योंकि उन (श्री आडवाणी) जैसे महान लोगों ने पार्टी को बनाने और लोगों के सामने नई आदर्शवादी गाथा पेश करने के लिए दशकों मेहनत की है।'
उल्लेखनीय है कि दोनों नेताओं में वैचारिक मतभेद रहे हैं। कभी पार्टी के सबसे शक्तिशाली नेताओं में एक रहे आडवाणी ने इस बार लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ा और सक्रिय राजनीति से अब लगभग पूरी तरह विरक्त हो चुके हैं।
आडवाणी से मिलने के बाद मोदी एवं श्री शाह की जोड़ी रायसीना रोड पर डॉ. जोशी के घर पहुंचे। डॉ. जोशी ने प्रधानमंत्री का गर्मजोशी से स्वागत किया। प्रधानमंत्री ने उनके पैर छूकर आशीर्वाद लिया और डॉ. जोशी ने अपने हाथ से उन्हें मिठाई खिलाई।