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Last Updated : रविवार, 20 जनवरी 2019 (22:23 IST)

महागठबंधन ‘भ्रष्टाचार, नकारात्मकता का गठबंधन’ है : मोदी

महागठबंधन ‘भ्रष्टाचार, नकारात्मकता का गठबंधन’ है : मोदी - narendra modi Major alliance  corruption
मडगांव (गोवा)। कोलकाता की एक रैली के दौरान नजर आई विपक्षी एकता से बेपरवाह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को इसे भ्रष्टाचार, नकारात्मकता और अस्थिरता का गठबंधन करार देकर खारिज कर दिया और कहा कि इन दलों के पास धनशक्ति है जबकि भाजपा के पास जनशक्ति है। उन्होंने यह भी कहा कि 10 फीसद के सामान्य वर्ग कोटा को लागू करने के लिए शैक्षणिक संस्थानों में सीटें बढ़ाई जाएंगी।
 
वह वीडियो काफ्रेंसिंग के माध्यम से महाराष्ट्र के कोल्हापुर, हतकाननांगले, मधा और सतारा तथा दक्षिण गोवा के लोकसभा क्षेत्रों के मतदान केंद्र स्तर के भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे।
 
कई विपक्षी पार्टियों के नेता शनिवार को कोलकाता में रैली में पहुंचे थे और उन्होंने आगामी लोकसभा चुनाव एक साथ मिलकर लड़ने और मोदी को सत्ता से बेदखल करने की प्रतिबद्धता जताई थी। विपक्ष के कई नेताओं ने ईवीएम की जगह मतपत्रों का इस्तेमाल किए जाने की मांग की थी। उन्होंने ईवीएम को ‘सभी प्रकार की गड़बड़ियों’ का कारण बताया था।
 
मोदी ने कहा कि विपक्ष को आगामी चुनावों में हार नजर आ रही है। ऐसे में वह अपनी हार से पहले बहाना ढूंढ रहा है और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को बदनाम कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘आपने जरुर देखा होगा कि मंच पर आसीन नेताओं में एक ने बोफोर्स घोटाले को याद किया। सच्चाई को छिपाकर नहीं रखा जा सकता। विपक्ष का महागठबंधन भ्रष्टाचार, नकारात्मकता और अस्थिरता का गठबंधन है। विपक्ष के पास ‘धनशक्ति’ हैं, और हमारे पास ‘जनशक्ति’ है।’ 
 
कोल्हापुर के मतदान केंद्र स्तर के एक कार्यकर्ता के सवाल का जवाब देते हुए मोदी ने कहा कि विपक्षी गठबंधन राजनीतिक दलों के साथ है जबकि ‘हमारा गठबंधन 125 करोड़ भारतीयों के सपनों, उनकी उम्मीदों और आकांक्षाओं के साथ है।’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘कोलकाता में जो मंच पर थे, वे या तो किसी बड़े व्यक्ति के बेटा या बेटी थे या फिर वे लोग थे जो अपने बेटे या बेटी को राजनीति में बड़ा बनाना चाहते हैं।’ 
 
उन्होंने कहा कि जिन लोगों को अपने दलों के अंदर लोकतंत्र पर विश्वास नहीं है, वे अब एक सार्वजनिक मंच से लोकतंत्र की चर्चा कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे लोगों को किसी भी संस्थान पर विश्वास नहीं है और वे संवैधानिक प्राधिकारों को बदनाम करने में व्यस्त हैं।
 
उन्होंने कहा, ‘हमें तब चिंता होती है जब कुछ समूह मानते हैं कि जनता उनकी मर्जी के साथ है। वे सोचते हैं कि लोग मूर्ख हैं। यही वजह है कि वे अपना रंग बदलने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ते हैं... मैं फिर कहना चाहूंगा कि यह देश के लिए खतरनाक खेल है और चिंता का विषय है।’
 
उन्होंने कहा, ‘एक तरफ वे अपने परिवारों को बचाने और बढ़ाने में व्यस्त हैं जबकि दूसरी तरफ हम राष्ट्र का विकास करने में व्यस्त हैं। हमारा देश ही हमारा परिवार है.....जो लोग अपने विरुद्ध पंचायत स्तर तक का चुनाव लड़ने वाले व्यक्ति के विरुद्ध हिंसा शुरु करने लगते हैं, वे अब लोकतंत्र को बचाने का राग अलाप रहे हैं।’
 
उन्होंने सामान्य श्रेणी में आर्थिक रुप से कमजोर वर्गों को 10 फीसद आरक्षण देने के केंद्र के फैसले का जिक्र करते हुए विपक्ष पर आरोप लगाया, ‘यदि हमारे फैसले में ताकत नहीं होती तो ये इन लोगों की रात की नींद नहीं उड़ी होती। उन्हें अब मैदान में उतरकर झूठ फैलाना पड़ रहा है। इसका मतलब है कि हमने सही काम किया और देश के लिए काम किया।’
 
नए आरक्षण के समावेशन के लिए शिक्षण संस्थानों में सीटों की कमी का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, ‘मैं आश्वासन देना चाहता हूं कि हम हर शिक्षण संस्थानों में 10 फीसद सीटें बढ़ाएंगे ताकि आरक्षण के बावजूद सभी को मौका मिले।’ उन्होंने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि किसी के साथ नाइंसाफी न हो तथा अनुसूचित जाति/जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण जस का तस रहे।
 
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘लेकिन (इस नए) 10 फीसद आरक्षण के साथ नए मौके खुले हैं।’ उन्होंने कहा कि सरकार ने राजनीतिक हितों से ऊपर उठकर काम किया है और ‘सबका साथ, सबका विकास हमारे कार्यशैली के केंद्र में रहा है।
 
उन्होंने कहा कि‘संविधान पर काफी शोध करने के बाद हमने आर्थिक रूप से कमजोर तबके लिए 10 फीसद आरक्षण की व्यवस्था की। उसने (विपक्ष) ने सामाजिक अन्याय को दूर करने के लिए कुछ नहीं किया। जब हमने किया तो वह भौंचक्क रह गया।’
 
मोदी ने कहा कि‘जो लोग कहते हैं कि मैंने चुनाव को ध्यान में रखकर यह फैसला किया तो मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि देश में कब चुनाव नहीं होता है। यदि मैंने तीन महीने पहले किया होता तो वे कहते कि मैंने पांच राज्यों के चुनाव को ध्यान में रखकर किया। उससे पहले करता तो वे कहते कि मैंने कर्नाटक चुनाव के लिए किया, उससे पहले वे कहते मैंने गुजरात चुनाव में फायदे के लिए ऐसा किया।’