Last Modified: नई दिल्ली ,
गुरुवार, 10 अगस्त 2017 (15:02 IST)
हामिद अंसारी को नरेन्द्र मोदी का जवाब...(वीडियो)
नई दिल्ली। देश के निवृत्तमान उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने यह कहकर एक बार फिर एक नई बहस छेड़ दी है कि मुस्लिमों में असुरक्षा और घबराहट का माहौल है। देश का बहुलतावादी माहौल खतरे में है। जवाब में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी उन पर जमकर 'शब्दबाण' छोड़े। हालांकि सीधे तौर पर उन्होंने कुछ नहीं कहा, लेकिन बातों ही बातों में वे बहुत कुछ कह गए।
मोदी ने अपने भाषण में कहा कि अंसारी जी अल्पसंख्यक आयोग और अलीगढ़ यूनिवर्सिटी से काफी लंबे समय तक जुड़े रहे, लेकिन 10 साल उन्हें संविधान के दायरे में रहकर करना पड़ा। इससे उन्हें छटपटाहट भी हुई होगी। मगर अब सेवामुक्ति के बाद उन्हें मुक्ति का आनंद भी मिलेगा और उन्हें अपनी मूलभूत सोच के हिसाब से काम करने का अवसर भी मिलेगा।
'मूलभूत सोच' से नरेन्द्र मोदी का तात्पर्य अंसारी की उस बात से था जो उन्होंने मुस्लिमों में असुरक्षा की भावना के संदर्भ में कही थी। साथ ही अल्पसंख्यक आयोग और अलीगढ़ युनिवर्सिटी से जुड़े लोगों को कट्टर मुस्लिम समर्थक के रूप में देखा जाता है। हालांकि यह पहला अवसर नहीं है जब अंसारी ने इस तरह की बात कही है, इससे पहले भी वे मुस्लिमों को लेकर इस तरह की बात कह चुके हैं। तब भी उनकी काफी आलोचना हुई थी।
अंसारी एक राजनयिक भी रहे हैं और मुझे प्रधानमंत्री बनने के बाद पता चला कि असल में एक राजनयिक की भूमिका क्या होती है। उनके शब्दों, उनके हाथ मिलाने के तरीके, हर चीज का एक अलग मतलब होता है। इससे पहले मुझे यह अर्थ समझ में नहीं आता था। मोदी ने कहा कि अंसारी के पास सभापति के रूप में 10 साल तक एक अलग तरह का जिम्मा रहा जिसे उन्होंने बखूबी निभाया।