आपातकाल के दौरान हुई ज्यादती, लक्ष्य की तुलना में अधिक लोगों की कर दी जबरन नसबंदी, रिपोर्ट में खुलासा
Emergency News: सरकार ने मंगलवार को लोकसभा में बताया कि 1975-77 में आपातकाल (Emergency) के दौरान 1.07 करोड़ से अधिक लोगों की नसबंदी की गई थी, जो तत्कालीन इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) सरकार द्वारा जनसंख्या नियंत्रण के लिए निर्धारित 67.40 लाख लोगों की नसबंदी के लक्ष्य से कहीं ज्यादा थी। गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय (Nityanand Rai) ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में न्यायमूर्ति जे.सी. शाह आयोग (JC Shah Commission) की रिपोर्ट के आंकड़े प्रस्तुत किए।
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अविवाहित व्यक्तियों की भी नसबंदी कर दी थी : राय ने कहा कि इसके अलावा आपातकाल के दौरान अविवाहित व्यक्तियों की नसबंदी की कुल 548 शिकायतें और नसबंदी से जुड़े 1,774 मौत के मामलों की भी जानकारी शाह आयोग के समक्ष आई थी। शाह आयोग की रिपोर्ट 31 अगस्त 1978 को संसद में पेश की गई थी। आंकड़ों से पता चला कि 1975-76 में सरकार ने नसबंदी की 24,85,000 सर्जरी का लक्ष्य रखा था और देशभर में ऐसी कुल 26,24,755 सर्जरी के साथ इस लक्ष्य को पार कर लिया गया।
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25 जून 1975 को लगाया था आपातकाल : पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) द्वारा जारी एक तथ्य-पत्र में कहा गया था कि 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 के बीच देश में संविधान के अनुच्छेद 352 के तहत आपातकाल लागू था। 25 जून 1975 को तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने आंतरिक अशांति के खतरे का हवाला देते हुए अनुच्छेद 352 के तहत आपातकाल की घोषणा की थी। शाह आयोग ने जन सुनवाई, गवाही और आधिकारिक अभिलेखों के माध्यम से साक्ष्य एकत्र किए थे और 1978 से 1979 के बीच 3 रिपोर्ट प्रस्तुत कीं।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta