Weather Forecast: देशभर में मानसून (Monsoon) फिर से सक्रिय हो गया है। दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) समेत आसपास के इलाकों में शनिवार (19 अगस्त) की शुरुआत बारिश के साथ हुई। इस बारिश के बाद लोगों को उमस भरी गर्मी से थोड़ी राहत मिली है। पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भारी बारिश ने तबाही मचाई हुई है। आईएमडी (IMD) ने 23 राज्यों में बारिश का अलर्ट जारी किया है।
इस बीच मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अनुमान लगाया है कि पूर्वी और मध्यभारत में 1920 अगस्त को भारी बारिश हो सकती है। इसके अलावा 20 अगस्त से नॉर्थईस्ट इंडिया में भी बारिश का दौर तेज हो सकता है। इसके अलावा मौसम विभाग ने उत्तर पश्चिम और मध्य भारत में अगस्त के बाकी दिनों में मानसून की बारिश काफी हद तक कम रहने की संभावना व्यक्त की है।
मध्यप्रदेश में फिर सक्रिय हुआ मानसून : बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के क्षेत्र के कारण प्रदेश में शिथिल पड़ा मानसून फिर सक्रिय हो गया है। इसके चलते शुक्रवार से अलगअलग क्षेत्रों में रुकरुककर बारिश का सिलसिला शुरू हो गया है।
मौसम विज्ञानियों के मुताबिक बारिश का दौर अभी जारी रहने की संभावना है। प्रदेश में शनिवार को भी जबलपुर, शहडोल, रीवा, सागर, भोपाल, इंदौर, उज्जैन, नर्मदापुरम, ग्वालियर संभाग के जिलों में रुकरुककर बारिश होगी। जबलपुर, सागर, नर्मदापुरम संभाग के जिलों में कहींकहीं भारी बारिश भी हो सकती है।
उधर शुक्रवार सुबह 8.30 बजे से शाम 5.30 बजे तक खजुराहो में 62.4, सिवनी में 38, उमरिया में 37, जबलपुर में 31, पचमढ़ी में 30, सागर में 23, मलाजखंड में 17, भोपाल में 16.7, बैतूल में 14, नरसिंहपुर में 13, रायसेन में 8, सीधी में 6, मंडला में 5, नौगांव में 4, नर्मदापुरम में 3, दमोह में 1 मिलीमीटर बारिश हुई। उज्जैन में बूंदाबांदी हुई।
मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि अलगअलग स्थानों पर सक्रिय इन मौसम प्रणालियों के कारण मानसून फिर सक्रिय हो गया है। विशेषकर पूर्व मप्र में अच्छी वर्षा हो रही है। 24 अगस्त के आसपास बंगाल की खाड़ी में एक अन्य चक्रवात बनने के भी संकेत मिले हैं। इस वजह से रुकरुककर बारिश का सिलसिला बना भी रह सकता है। मानसून के सक्रिय होने से किसानों के चेहरे खिल गए हैं। हालांकि मौसम विज्ञानियों का अनुमान है कि इस बार मानसून की वर्षा सामान्य से कम बनी रह सकती है।
राजस्थान के कई संभागों में बारिश की संभावना : जयपुर से मिले समाचारों के अनुसार राजस्थान में आने वाले दिनों में कई संभागों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। जयपुर मौसम केंद्र की तरफ से शुक्रवार को यह जानकारी दी गई। मौसम केंद्र जयपुर के अनुसार आज कम दबाव का क्षेत्र उत्तरपश्चिमी बंगाल की खाड़ी व पश्चिम बंगाल, ओडिशा तट के ऊपर बना हुआ है। इसके आगामी 23 दिनों में उत्तरी ओडिशाछत्तीसगढ़ की ओर आगे बढ़ने की संभावना है।
उपरोक्त तंत्र के असर से आगामी 34 दिन पूर्वी राजस्थान के कोटा, उदयपुर, भरतपुर, जयपुर व अजमेर संभाग के कुछ भागों में मानसून सक्रिय होने तथा बारिश की गतिविधियों में बढ़ोतरी होने की प्रबल संभावना है। इससे 1920 अगस्त को कोटा, जयपुर, भरतपुर, उदयपुर व अजमेर संभाग के कुछ भागों में बादल गरजने के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। बारिश की गतिविधियां 21 अगस्त को धौलपुर, भरतपुर व जयपुर संभाग के कुछ भागों में जारी रहने की संभावना है।
वहीं पश्चिमी राजस्थान के सीमावर्ती क्षेत्रों को छोड़कर जोधपुर, बीकानेर संभाग में 19 से 21 अगस्त को कुछ स्थानों पर बादल गरजने के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। शुक्रवार को भी कोटा, भरतपुर, जयपुर संभाग व शेखावाटी क्षेत्र के कुछ भागों में बादल गरजने के साथ कहींकहीं हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है।
केरल में 44 फीसदी कम वर्षा हुई, राज्य में गंभीर सूखे का खतरा : देश में मानसून का द्वार समझे जाने वाले केरल में 44 प्रतिशत कम वर्षा हुई है और राज्य में भयंकर सूखा पड़ने का खतरा मंडरा रहा है। भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार 1 जून से 16 अगस्त के बीच राज्य में सिर्फ 877.2 मिलीमीटर वर्षा हुई जबकि दक्षिण पश्चिममानसून से राज्य में सामान्य वर्षा 1,572.1 मिलीमीटर मानी जाती है। इसका मतलब है कि इस सीजन में 44 प्रतिशत कम वर्षा हुई है।
10 से 16 अगस्त तक 7 दिनों में हुई बारिश से पता लगता है कि स्थिति कितनी गंभीर है। इस दौरान 94 प्रतिशत कम वर्षा हुई। इस अवधि में 6.5 मिलीमीटर वर्षा हुई जबकि सामान्य वर्षा 109.6 मिलीमीटर है। इडुकी में इस सीजन में 16 अगस्त तक 60 प्रतिशत कम बारिश हुई जबकि यहां केरल की सबसे बड़ी पनबिजली परियोजना है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (केरल) के निदेशक के संतोष ने कहा कि अगले 2 सप्ताह का वर्षा अनुमान भी सामान्य से कम वर्षा का संकेत देता है। इस बीच केरल में बिजली उत्पादन का मेरूदंड समझे जाने वाले इडुकी जलाशय में जलस्तर सबसे कम हो गया है। राज्य में पेयजल जलाशयों की स्थिति भी कमोबेश वैसी ही है। आगामी उत्तरपूर्व मानसून के दौरान यदि वर्षा कम हुई तो केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम में जलापूर्ति प्रभावित होगी।
केरल जल प्राधिकरण के सहायक इंजीनियर (बांध) सौम्या एस ने कहा कि फिलहाल हमारे पास पेप्परा बांध में अगले 100 दिनों के लिए पानी उपलब्ध है। यदि उत्तरपूर्व मानसून से वर्षा नहीं होती है तो चीजें मुश्किल होने जा रही हैं। राज्य में खासकर इडुकी और पलक्कड़ में इस साल फसलों के पूरी तरह से नष्ट का खतरा है।
सनथानपारा के आदिवासी किसान एस.पी. वेंकटचलम ने कहा कि जनवरी से हमारे यहां सिर्फ 2 या 3 बार वर्षा हुई। यह बीज की बुआई का वक्त है लेकिन पानी नहीं है। हमारे सामने गंभीर पेयजल संकट खड़ा होने वाला है। कृषि कार्यालय ने हमें ओणम बाजार के लिए सब्जियों के बीज दिए हैं लेकिन हम कुछ कर नहीं पाए।
हिमाचल 10 जिलों में भारी बारिश का 'येलो अलर्ट' जारी : हिमाचल प्रदेश में स्थानीय मौसम विज्ञान केंद्र ने शुक्रवार को राज्य के 10 जिलों में अलगअलग स्थानों पर 21 तथा 22 अगस्त को भारी बारिश, तूफान और बिजली गिरने को लेकर 'येलो अलर्ट' जारी किया है।
मौसम विभाग कार्यालय ने एक विज्ञप्ति में बताया कि आगामी 48 घंटे के दौरान निचली और मध्य पहाड़ियों के कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश के जारी रहने की संभावना है। राज्य में 21 अगस्त से बारिश की गतिविधियों में तेजी आने का अनुमान है और 24 अगस्त तक कई हिस्सों में बारिश होगी।
मौसम विभाग ने राज्य में 21 से 23 अगस्त तक गैरजनजातीय जिलों में अलगअलग स्थानों पर भारी वर्षा होने का पूर्वानुमान लगाया है जबकि कुछ स्थानों पर आंधी आने के साथ बिजली गिर सकती है। इसके परिणामस्वरूप यातायात और अन्य आवश्यक सेवाएं बाधित हो सकती हैं।
बिहार के पूर्वी सिंहभूम जिले में मूसलधार बारिश से नदियों में जलस्तर बढ़ा : जमशेदपुर (झारखंड) से मिले समाचारों के अनुसार झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले में लगातार हो रही मूसलधार बारिश के कारण खरखई और स्वर्णरेखा नदियों का जलस्तर बढ़ गया है और इसके मद्देनजर प्रशासन ने जलग्रहण क्षेत्र में रहने वाले परिवारों के लिए चेतावनी जारी की है। आधिकारिक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई है।
प्रशासन ने डूब क्षेत्र में रहने वाले लोगों को सावधान रहने और सुरक्षित क्षेत्रों में रहने को कहा है। लोगों से नदी तटों के आसपास नहीं जाने और प्रशासन के निर्देशों का पालन करने को भी कहा गया है। विज्ञप्ति के अनुसार आवश्यकता होने पर राहत कार्यों के लिए एनडीआरएफ की एक टीम शहर में मौजूद है।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि ओडिशा के मयूरभंज जिले में बंकाबल और खरखई बांधों के एकएक द्वार खोले जाने और सरायकेलाखरसावां जिले के चंडील बांध से 500 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद स्थिति और बिगड़ गई है। विज्ञप्ति के अनुसार खरखई नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है जबकि स्वर्णरेखा खतरे के निशान तक पहुंच रही है। दोनों नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। ढालभूम के उपसंभागीय अधिकारी पीयूष सिन्हा ने कहा कि प्रशासन हरसंभव आपदा से निपटने के लिए तैयार है।
बंगाल के उपहिमालयी जिलों में 21 से 26 अगस्त तक भारी बारिश का अनुमान : कोलकाता से मिले समाचारों के अनुसार मौसम विभाग ने शुक्रवार को अपने पूर्वानुमान में कहा कि पश्चिम बंगाल के उपहिमालयी जिलों में 21 से 26 अगस्त के बीच भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है। विभाग ने यह भी कहा कि इस अवधि के दौरान राज्य के दक्षिणी जिलों में हल्की बारिश होने का संभावना है।
मौसम कार्यालय ने कहा कि 21 अगस्त और 22 अगस्त को दार्जिलिंग, कलिम्पोंग, जलपाईगुड़ी, कूचबिहार और अलीपुरद्वार जिलों में भारी बारिश होने का अनुमान है। लेकिन 23 से 26 अगस्त के बीच इन 5 जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है।
उत्तराखंड में प्राणमति नदी उफान पर : गोपेश्वर से मिले समाचार के अनुसार उत्तराखंड के चमोली जिले की थराली तहसील के ऊपरी इलाकों में अतिवृष्टि के कारण प्राणमति जैसी छोटी नदियां उफान पर हैं जिसके कारण इनके आसपास बाढ़ की स्थिति बन रही है और वहां रहने वाले लोग दहशत में हैं। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि गुरुवार को रातभर हुई बारिश के कारण पिंडर नदी की सहायक धारा प्राणमति में 13 अगस्त जैसे बाढ़ के हालात फिर बन गए हैं।
उन्होंने बताया कि सोल घाटी से प्रवाहित होने वाली प्राणमति नदी में बीती देर रात पानी और मलबे का वेग इतना बढ़ गया था कि इसने कुछ देर के लिए पिंडर नदी के बहाव को भी रोक दिया। उन्होंने बताया कि प्राणमति और पिंडर के संगम पर कुछ देर के लिए झील जैसे हालात उत्पन्न हो गए। थराली के मुख्य बाजार से पहले पड़ने वाले निचले इलाके में पानी भर गया, जो बाद में निकल गया लेकिन वहां बने मंदिर तथा अन्य स्थान मलबे और रेत आदि से भर गए हैं।
चमोली के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी एनके जोशी ने बताया कि रात को प्राणमति नदी का जलस्तर बहुत बढ़ गया था और लोगों को अलर्ट करने के लिए रातभर प्रशासन के लोग मुस्तैद रहे। नदी के इस ताजी बाढ़ से पिंडर के दोनों तटों के आसपास खेत भी मलबे से पट गए हैं। इससे पहले 13 अगस्त की बाढ़ के बाद नदी तट के आसपास के मकानों को खतरे के मद्देनजर खाली काराया गया था।
ओडिशा में 6 स्थानों पर 100 मिमी से अधिक बारिश, आईएमडी जारी किया येलो अलर्ट : भुवनेश्वर से मिले समाचारों के अनुसार बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र निर्मित होने के कारण ओडिशा में पिछले 24 घंटों में कई इलाकों में भारी बारिश हुई। एक अधिकारी ने शुक्रवार के यह जानकारी दी। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने भुवनेश्वर और कटक शहर सहित ओडिशा के 18 जिलों में हल्की से भारी बारिश होने और तेज हवाएं चलने, बिजली कड़कने को लेकर शुक्रवार को येलो अलर्ट जारी किया है।
स्थानीय मौसम कार्यालय ने कहा कि कम से कम 6 स्थानों में बेहद भारी बारिश दर्ज की गई। शुक्रवार सुबह 8.30 बजे क्योंझर जिले के तेलकोई में 182.6 मिमी, कटक जिले के बांकी में 182 मिमी, पुरी जिले के पीपीली में 122 मिमी, क्योंझर जिले के चामपुआ में 120.6 और बोलांगीर जिले के देवगांव में 107 मिमी बारिश हुई।
इनके अलावा खुर्दा में 88 मिमी, हीराकुड में 87.8, नबरंगपुर में 81, क्योंझर में 70.6, पुरी में 69.6, भुवनेश्वर में 63.8 और टिटलागढ़ में 60.8 मिमी बारिश हुई। पूर्वानुमान व्यक्त किया गया है कि मयूरभंज, भद्रक, बालासोर, केन्द्रपाड़ा, जगतसिंहपुर, नयागढ़, ढेंकनाल, अंगुल, जाजपुर, क्योंझर, खुर्दा, कटक, पुरी, गंजम, गजपति, कोरापुट, रायगढ़, कालाहांडी और कंधमाल जिले भारी बारिश से प्रभावित हो सकते हैं।
मौसम कार्यालय ने कहा कि ओडिशा और पश्चिम बंगाल से लगती उत्तरपश्चिम बंगाल की खाड़ी पर दम दबाव का क्षेत्र सक्रिय है। इस तंत्र के अगले 2 से 3 दिन में उत्तर ओडिशाउत्तर छत्तीसगढ़ की ओर पश्चिमउत्तर व पश्चिम दिशा में बढ़ने के आसार हैं। आईएमडी के अनुसार गजपति, गंजम, रायगढ़, खुर्दा, पुरी, नयागढ़, सोनेपुर, बारगढ़, संबलपुर, झारसुगुडा और सुंदरगढ़ में 12 स्थानों पर भारी बारिश (7 से 11 सेंटीमीटर) हो सकती है।
ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त ने सभी जिला प्रशासनों से सतर्क रहने को कहा है, साथ ही निचले इलाकों में अस्थायीतौर पर जलभराव होने, दृश्यता कम होने और शहरी इलाकों में यातायात जाम लगने के प्रति आगाह किया है। कुछ पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन की भी चेतावनी दी गई है।
निम्न दबाव का क्षेत्र उत्तर-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी और पश्चिम बंगाल के आसपास के हिस्सों और उत्तरी ओडिशा के ऊपर है। मानसून ट्रफ का पश्चिमी छोर हिमालय की तलहटी के करीब चल रहा है और पूर्वी छोर बहराईच, पटना, धनबाद और दीघा से होकर गुजर रहा है और फिर उत्तरपश्चिमी बंगाल की खाड़ी के ऊपर कम दबाव वाले क्षेत्र के केंद्र तक पहुंच रहा है।
आज के मौसम की संभावित गतिविधि : स्काईमेट के अनुसार आज ओडिशा, छत्तीसगढ़, पूर्वी मध्यप्रदेश, विदर्भ, मराठवाड़ा और उत्तरी तेलंगाना में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश संभव है। पूर्वोत्तर भारत, पश्चिम बंगाल, उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखंड, कोंकण और गोवा, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, तटीय कर्नाटक और सिक्किम में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, मध्य महाराष्ट्र, दक्षिण गुजरात और केरल, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, उत्तरी पंजाब, हरियाणा और पूर्वी राजस्थान में एक या दो स्थानों पर हल्की बारिश संभव है।(एजेंसियां)
Edited by: Ravindra Gupta