मंगलवार, 5 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. गुहा, बेनेगल समेत 49 हस्तियों पर देशद्रोह का आरोप निकला झूठा, याचिकाकर्ता पर होगी कार्रवाई
Written By
Last Modified: बुधवार, 9 अक्टूबर 2019 (23:57 IST)

गुहा, बेनेगल समेत 49 हस्तियों पर देशद्रोह का आरोप निकला झूठा, याचिकाकर्ता पर होगी कार्रवाई

Mob lynching case | गुहा, बेनेगल समेत 49 हस्तियों पर देशद्रोह का आरोप निकला झूठा, याचिकाकर्ता पर होगी कार्रवाई
मुजफ्फरपुर/ पटना। देश में मॉब लिंचिंग (Mob lynching) के मामलों पर चिंता जाहिर करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को खुला खत लिखने वाले इतिहासकार रामचंद्र गुहा (Ramchandra Guha), फिल्मकार श्याम बेनेगल (Filmmaker Shyam Benegal) और मणिरत्नम समेत 49 लोगों के खिलाफ बिहार के मुजफ्फरपुर में दर्ज प्राथमिकी के देशद्रोह समेत सभी आरोप गलत पाए गए और अब पुलिस याचिकाकर्ता अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा पर कार्रवाई किए जाने की तैयारी कर रही है।

मुजफ्फरपुर के वरीय पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार ने आज यहां बताया कि अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा की ओर से 27 जुलाई 2019 को दायर किए गए परिवाद पर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सूर्यकांत तिवारी के आदेश के बाद उनके माध्यम से यह प्राथमिकी 2 अक्टूबर को दर्ज हुई है।

प्राथमिकी में इतिहासकार रामचंद्र गुहा, फिल्मकार श्याम बेनेगल, निर्माता-निदेशक मणिरत्नम, अभिनेत्री अपर्णा सेन, रेवती, कोंकणा सेन, निर्माता अरुण गोपाल कृष्ण, अभिनेता सौमित्र चटर्जी और गायिका शुभा मुद्गल समेत 49 लोगों के नाम हैं। भारतीय दंड विधान की धारा 124ए, 153बी, 160, 290, 297, 504 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। इसमें देशद्रोह, उपद्रव करने, शांति भंग करने के इरादे से धार्मिक भावनाओं को आहत करने से संबंधित धाराएं लगाई गईं हैं।

अदालत ने पुलिस अधीक्षक को मामले में प्राथमिकी दर्ज कर 11 नवंबर 2019 तक मामले की जांच पूरी करने का आदेश दिया था। वहीं अधिवक्ता ओझा ने अपनी याचिका में कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुला खत लिखने और इसका विभिन्न मीडिया माध्यमों से प्रचार-प्रसार करने से पूरी दुनिया में देश और प्रधानमंत्री मोदी की छवि धूमिल हुई है।

कुमार ने बताया कि सदर थाने के अवर निरीक्षक (एसआई) एवं इस मामले के जांच अधिकारी हरेराम पासवान ने अपने अनुसंधान में पाया कि इन दिग्गजों पर लगाए गए कोई भी आरोप सत्य नहीं हैं। साथ ही याचिकाकर्ता ओझा लगाए गए आरोपों के समर्थन में कोई साक्ष्य भी प्रस्तुत नहीं कर पाए।

वरीय पुलिस अधीक्षक ने बताया कि एसआई पासवान की रिपोर्ट में की गई अनुशंसाओं के आधार पर उन्होंने स्वयं सुपरविजन किया और उन्होंने भी सभी आरोप गलत पाए। उन्होंने कहा कि पुलिस अब न्यायालय से भारतीय दंड विधान की धारा 211 और 182 के आधार पर याचिकाकर्ता ओझा के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की प्रार्थना करेगी। वहीं ओझा ने कहा कि उन्होंने अभी तक अपनी याचिका वापस नहीं ली है।

उन्होंने कहा कि अवकाश समाप्त होने के बाद न्यायालय खुलते ही वह पुलिस की इस रिपोर्ट का विरोध करेंगे। इस बीच राज्य के अपर पुलिस महानिदेशक जितेंद्र कुमार ने पटना में बताया कि अनुसंधान पदाधिकारी ने जांच के क्रम में इन हस्तियों के विरुद्ध लगाए गए किसी भी आरोप को सत्य नहीं पाया है। उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट के आधार पर आरोपियों पर से देशद्रोह का मुकदमा वापस लिए जाने की उम्मीद है।