क्या वाकई शिप कैप्टन मार्वा इल्सेलेहदर ‘स्वेज नहर’ में लगे ‘जाम की जिम्मेदार’ हैं?
पिछले दिनों स्वेज नहर में करीब 100 किलो मीटर लंबा जाम गल गया था। जहां जाम लगा था था वो दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों में शामिल है। जिसे मिस्र की स्वेज नहर कहा जाता है। इस जाम की वजह से जहाजों का आना-जाना रुक गया था और दुनिया का करीब 30 प्रतिशत व्यापार रुक गया था।
करीब एक सप्ताह के बाद खुले इस समुद्री मार्ग के जाम के लिए मिस्र की पहली महिला शिप कैप्टन मार्वा इल्सेलेहदर को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। लेकिन मार्वा ने अब इस पूरे मामले में अपनी सफाई दी है।
मिस्र की पहली महिला शिप कैप्टन मार्वा इल्सेलेहदर विवादों में आ गई हैं। पूरी दुनिया में इंटरनेट पर मार्वा को इस अरबों डॉलर के नुकसान और समुद्र में 100 किलोमीटर लंबे जाम के लिए जिम्मेदार ठहराया जाने लगा। इस पूरे संकट के लिए क्या वाकई 29 साल की मार्वा जिम्मेदार थीं या उनके खिलाफ फेक न्यूज फैलाई गई।
स्वेज नहर में जाम लगने के विवाद में अपना नाम घसीटे जाने के बाद मिस्र की पहली महिला शिप कैप्टन मार्वा तनाव में आ गईं और उन्होंने सफाई दी है। मार्वा ने कहा कि स्वेज नहर में जाम लगने के समय वह यहां से कई मील दूर भूमध्यसागर के बंदरगाह शहर अलेक्जेंड्रिया में ड्यूटी दे रही थीं। उन्होंने कहा,
'मैं सदमें में थी। मैं महसूस करती हूं कि मुझे इसलिए निशाना बनाया गया, क्योंकि मैं इस क्षेत्र में एक सफल महिला हूं या मैं मिस्र की रहने वाली हूं लेकिन मुझे पक्का भरोसा नहीं है।'
उन्होंने कहा
, 'हमारे समाज में अभी भी लोग लंबे समय तक परिवार से दूर समुद्र में लड़कियों के काम करने के विचार को स्वीकार नहीं करते हैं। लेकिन जब आप जिस चीज को प्यार करते हैं और तब यह जरूरी नहीं है कि आप हर व्यक्ति से इसकी स्वीकृति लें।'
रिपोर्ट्स के मुताबिक मार्वा दुनिया के उन दो प्रतिशत महिलाओं में शामिल हैं जो समुद्र में व्यापारिक जहाजों पर काम करती हैं।
दरअसल, स्वेज नहर में एवर गिवेन जहाज के फंसने के बाद जाम लग गया और सोशल मीडिया में यह न्यूज वायरल हो गई थी कि मार्वा की वजह से स्वेज नहर में जाम लगा है। मार्वा ने कहा,
'यह फेक न्यूज अंग्रेजी में थी, इसलिए दुनिया के अन्य देशों में भी फैल गई। मैंने इस फेक न्यूज में छपी बातों का खंडन करने के लिए बहुत प्रयास किया क्योंकि यह मेरी प्रतिष्ठा को प्रभावित कर रहा था और उन सभी प्रयासों पर पानी फेर रहा था जिसके बल पर मैं यहां पर पहुंची थी।' उन्होंने कहा कि फेक न्यूज पर कई नकारात्मक टिप्पणियों के बाद भी कुछ ऐसे कॉमेंट थे जो उत्साह बढ़ाने वाले थे।
मार्वा अगले महीने अपनी परीक्षा देंगी ताकि उन्हें कैप्टन की रैंक मिल सके। उन्होंने आशा जताई कि वह आगे भी महिलाओं को प्रेरित करती रहेंगी। वर्ष 2017 में मार्वा को राष्ट्रपति अब्देल फतह एल सीसी ने महिला दिवस पर सम्मानित किया था। उन्होंने दुनिया के सामने सच आने के बाद राहत की सांस ली है।