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Last Updated : गुरुवार, 6 मार्च 2025 (18:50 IST)

RSS नेता भैयाजी जोशी के बयान के बाद मुंबई में भड़का मराठी विवाद, BJP आई बचाव में

Bhaiyyaji Joshi
Bhaiyyaji Joshi on Marathi: महाराष्‍ट्र में एक बार फिर मराठी भाषा को लेकर राजनीति गर्मा गई है। इस बार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के बड़े नेता भैयाजी जोशी के एक बयान के बाद बहस शुरू हो गई है। भैयाजी जोशी ने कहा है कि मुंबई में आने या यहां रहने के लिए मराठी सीखने की जरूरत नहीं है। उन्‍होंने कहा कि मुंबई में कोई एक भाषा नहीं है, यहां कई भाषाएं हैं। बता दें कि हाल ही में अबू आजमी ने औरंगजेब की तारीफ की थी, जिसके बाद जमकर हंगामा हुआ था।

दरअसल, एक कार्यक्रम में बोलते हुए वरिष्ठ नेता भैयाजी जोशी ने कहा कि मुंबई की अपनी कोई एक भाषा नहीं है। इसलिए मुंबई आना है तो जरुरी नहीं कि मराठी भाषा सीखनी पड़े। हालांकि उन्‍होंने कहा था कि मुंबई में कोई एक भाषा नहीं है, यहां कई भाषाएं हैं। लेकिन इस पर अब विवाद हो गया है। बयान पर शिवसेना उद्धव गुट और एनसीपी शरद पवार गुट भड़क गए हैं। जबकि भाजपा को भैयाजी के बचाव में आना पड रहा है।

विपक्ष ने बोला हमला : आरएसएस नेता भैयाजी जोशी के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए एनसीपी (शरद पवार) विधायक जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि अगर घाटकोपर की भाषा गुजराती है, तो मुलुंड, भांडुप, विक्रोली, बोरीवली, अंधेरी में कौन सी भाषाएं इस्तेमाल की जाती हैं? वहीं, कांग्रेस नेता नाना पटोले ने कहा, “राज्य में आरएसएस की सरकार है, केंद्र में भी उनकी अपनी सरकार है। इस तरह की भाषाई बहस पैदा करना… सरकार का काम नहीं है। आज महाराष्ट्र में किसानों की फसलें सूख रही हैं, क्या आरएसएस इस पर सरकार को सुझाव नहीं दे सकता? क्या आरएसएस को महाराष्ट्र में बेरोजगारी की चिंता नहीं है? आरएसएस और बीजेपी इस तरह की भाषाई बहस पैदा करके मुख्य मुद्दों से ध्यान भटका रहे हैं…”

शिवसेना और एनसीपी भड़के : भैयाजी जोशी के बयान पर शिवसेना और एनसीपी भड़क गए हैं, जबकि आरएसएस और भाजपा उनके बचाव में आ गए हैं। इस मुद्दे पर महाराष्ट्र विधानसभा में भी जमकर हंगामा हुआ। जिसके बाद विधानसभा में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जवाब दिया। सीएम फडणवीस ने भैयाजी जोशी के बयान पर कहा, “मराठी मुंबई, महाराष्ट्र और राज्य सरकार की भाषा है और यहां रहने वाले लोगों को इसे अपनाना चाहिए। मराठी भाषा राज्य की संस्कृति और पहचान का हिस्सा है और इसे सीखना हर नागरिक का कर्तव्य होना चाहिए। महाराष्ट्र में मराठी भाषा का सम्मान और संरक्षण किया जाएगा और यह हमारी सांस्कृतिक विरासत का अभिन्न अंग है।

मराठी भाषा का हो सम्मान – संजय राउत : संजय राउत ने मराठी भाषा के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि हमने मराठी भाषा के लिए बहुत बलिदान दिए हैं। चाहे वह बालासाहेब ठाकरे का संघर्ष हो, या फिर छत्रपति शिवाजी महाराज का राजनैतिक और सैन्य संघर्ष – इन सभी का केंद्र मराठी भाषा और संस्कृति रही है।

क्‍या कहा भैयाजी जोशी ने: मुंबई के उपनगर घाटकोपर इलाके में बुधवार को एक सार्वजनिक कार्यक्रम में भैयाजी जोशी ने कहा, “मुंबई में एक नहीं, कई भाषाएं हैं। मुंबई के हर हिस्से की अपनी अलग भाषा है। घाटकोपर इलाके की भाषा गुजराती है। इसलिए अगर आप मुंबई में रहते हैं या फिर यहां आना चाहते हैं तो यह जरूरी नहीं है कि आपको मराठी सीखनी पड़े।“ महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा भी इस कार्यक्रम में मौजूद थे।

बचाव में BJP: महाराष्ट्र सरकार में मंत्री व बीजेपी नेता नितेश राणे ने कहा कि भैयाजी जोशी ने जो कहा है वह किसी भी भाषा का अपमान नहीं है। उन्होंने कहा है कि मराठी के साथ अन्य भाषाओं को भी मुंबई में आना चाहिए। उन्होंने मराठी भाषा का इस्तेमाल न करने के लिए नहीं कहा है। घाटकोपर के आसपास रहने वाले लोग गुजराती समुदाय के हैं… पहले उनके (भैयाजी जोशी) बयान को समझना चाहिए और फिर उस पर कुछ बोलना चाहिए। बीजेपी विधायक राम कदम ने कहा कि भैयाजी जोशी के बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है… उनके बोलने का भाव केवल इतना ही है कि घाटकोपर के कुछ इलाको में अधिकतर लोग गुजराती भाषा बोलने वाले हैं। स्वभाविक रूप से वे जब आपस में बात करेंगे तो गुजराती भाषा में करेंगे। महाराष्ट्र की मुख्य भाषा हमेशा मराठी ही रहेगी।”
Edited By: Navin Rangiyal