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Written By Author सुरेश एस डुग्गर

ये हैं लेफ्टिनेंट फैयाज के हत्यारे, अब नहीं बच पाएंगे...

ये हैं लेफ्टिनेंट फैयाज के हत्यारे, अब नहीं बच पाएंगे... - lt umar fayyaz Kashmir
श्रीनगर। सेना के युवा लेफ्टिनेंट फैयाज की हत्या करने वाले हिज्बुल मुजाहिदीन के हत्यारे अब नहीं बच पाएंगें क्योंकि अगर पुलिस ने उनकी तस्वीरों को जारी कर जनता से सहयोग मांगा है तो फैयाज के इलाके के युवाओं ने भी उसके हत्यारों को अंजाम तक पहुंचाने की खातिर सुरक्षाबलों से वादा किया है।

यह भी सच है कि अब लेफ्टिनेंट उमर फैयाज की हत्या के बाद दक्षिण कश्मीर के युवाओं में आतंकी संगठनों के खिलाफ गुस्सा बढ़ रहा है। सेना और सुरक्षा बलों को आतंकी संगठनों के पनाहगाहों के बारे में कई चौंकाने वाली जानकारियां मिल रहीं हैं। हालांकि जम्मू कश्मीर में अब अवकाश पर आने वाले सेना के जवानों और अधिकारियों को पुलिस तथा सेना को सूचित करने के लिए बोला गया है।
 
कश्मीर में सेना के अफसर की हत्या करने वाले आतंकियों की तलाश तेज हो गई है। शोपियां पुलिस की तरफ से तीन आतंकियों की फोटो जारी किए हैं।  वहीं सेना की तरफ से कश्मीर घाटी से ताल्लुक रखने वाले सेना के जवानों के लिए छुट्टियों से जुड़ी गाइडलाइन भी जारी की है, जिसमें कहा गया है कि छुट्टियों पर जाने से पहले लोकल यूनिट्स को जरूर सूचित करें।
 
पुलिस ने जिन तीन आतंकियों की तस्वीर जारी की है इनमें से इशफाक अहमद ठाकोर गयास-उल-इस्लाम का ताल्लुक दक्षिण कश्मीर के पडरपुरा इलाके से है, जबकि अब्बास अहमद भट्ट नाम का आतंकी मंत्रीबाग इलाके का रहने वाला है। तीनों आतंकी हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़े हुए हैं। पुलिस ने इन्हें पकड़ने में मदद करने वालों को ईनाम देने का भी एलान किया है।
 
जांच एजेंसियों को इस बात का भी शक है कि लेफ्टिनेंट उमर फैयाज को मारने में हिजबुल के तकरीबन 10 आतंकी शामिल थे। इस मामले में जम्मू कश्मीर पुलिस ने तीन संदिग्धों को गिरफ्तार भी किया है। सेना ने कश्मीर से ताल्लुक रखने वाले अफसरों के लिए गाइडलाइन को भी सख्ती से लागू करने का फैसला किया है। सेना में कश्मीर से ताल्लुक रखने वाले अफसरों को कहा गया है कि वो छुट्टी पर जाने से पहले लोकल यूनिट्स को इसकी जानकारी दें। गाइडलाइन के मुताबिक सेना के हर जवान को अपने घर छुट्टी पर जाने से पहले वहां तैनात सेना की यूनिट को इसकी जानकारी देनी होती है।
 
पिछले दिनों आतंकियों ने सेना के लेफ्टिनेंट उमर फैयाज की उस वक्त हत्या कर दी थी जब वो अपने एक रिश्तेदार के घर शादी में गए थे। आतंकियों ने उन्हें वहीं से अगवा किया था और फिर उनकी हत्या कर दी थी। 22 साल के उमर फैयाज शोपियां के सुरसोना गांव के रहनेवाले थे। वो अपने मामा की लड़की की शादी में शामिल हुए थे। फैयाज के शरीर में आतंकियों ने कई गोलियां मारी थीं जिसके बाद उनके शव को चौक पर फेंक दिया गया था।
 
चश्मदीदों और रिपोर्ट्स के मुताबिक फैयाज दुल्हन के पास ही बैठा था जब आतंकी उसे घर से बाहर खींचकर ले गए और फिर उसकी हत्या कर दी। एक खबर के मुताबिक अधिकारियों ने बताया कि अब्बास एक हत्या के केस में पांच साल की सजा काट चुका है। 2016 में अब्बास जमानत पर बाहर था और फिर फरार हो गया। वहीं खबर के मुताबिक इशफाक और इस्लाम संगठन में हाल ही में शामिल हुए हों।
 
बता दें हाल ही में लेफ्टिनेंट उमर फैयाज पहली छुट्टी पर अपने घर गए थे। कुलगाम जिले के फैयाज पुणे की नेशनल डिफेंस एकेडमी में 129वें बैच के कैडेट थे। हाल ही में सेना में शामिल होने के बाद अखनूर एरिया में उनकी तैनाती अपनी यूनिट के पास 25 मई को होनी थी।
 
यह भी सच है कि लेफ्टिनेंट उमर फैयाज की हत्या के बाद दक्षिण कश्मीर के युवाओं में आतंकी संगठनों के खिलाफ गुस्सा बढ़ रहा है। सेना और सुरक्षा बलों को आतंकी संगठनों के पनाहगाहों के बारे में कई चौंकाने वाली जानकारियां मिल रहीं हैं। सूत्रों को मुताबिक शोपियां और त्राल के जंगलों में हिजबुल मुजाहिदीन और लश्कर-ए-तैयबा के ठिकानों के बारे में सेना को ठोस सूचनाएं मिलीं हैं। आतंकियों के खिलाफ चलाए जा रहे विशेष अभियान में ऐसे इनपुट से काफी मदद मिलने की उम्मीद जगी है।
 
सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक लेफ्टिनेंट की हत्या से जुड़े आतंकियों के बारे में सुराग मिल गए हैं। सेना ने कार्रवाई के लिए रणनीति तय कर ली है। दरअसल पत्थरबाजी के बीच सेना और पुलिस की भर्ती रैलियों में कश्मीरी युवकों की लगातार बढ़ रही भीड़ से आतंकी संगठन बौखला गए थे। आतंकियों के धमकी भरे पोस्टर और एसपीओ के सिर मुंडवाने वाले वीडियो भी बेअसर साबित हो रहे थे।
 
यही कारण है कि आतंकियों ने सेना में शामिल हुए कश्मीरी युवकों को निशाना बनाकर चेतावनी देने की रणनीति बनाई थी। सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े सूत्रों के मुताबिक साजिश रचकर लेफ्टिनेंट फैयाज की हत्या की गई ताकि सेना की भर्ती रैलियों में कश्मीरी युवकों को शामिल होने से रोका जा सके। लेकिन इस हत्याकांड का उल्टा असर पड़ रहा है।
 
आतंकियों को अब दक्षिणी कश्मीर में पनाह मिलने में दिक्कत होने लगी है। सूत्रों की मानें तो शोपियां में एक गांव में बुधवार को तीन आतंकियों को रात बिताने की जगह नहीं मिली। इन आतंकियों ने सेब बगीचे में रात गुजारी। अब सेना उनकी तलाश कर रही है।
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