JNU violence में घायल छात्रों को देखने प्रियंका एम्स पहुंची, पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप
नई दिल्ली। रविवार को जेएनयू हिंसा (JNU violence) में घायल छात्रों को देखने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) एम्स के ट्रामा सेंटर में पहुंची। घायल छात्रों को देखने के बाद उन्होंने आरोप लगाया कि यह किसी सरकार के बारे में बेहद ही शर्मनाक है कि उसने अपने ही बच्चों पर हिंसा होने दी। उन्होंने पुलिस पर भी गंभीर आरोप लगाए।
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के ‘गुंडे विश्वविद्यालयों के परिसर में उपद्रव कर रहे हैं और छात्रों के बीच भय फैला कर रहे हैं। कांग्रेस नेता ने भाजपा नेताओं पर मीडिया के सामने यह ढोंग करने का आरोप लगाया कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हिंसा करने वाले गुंडे उनके नहीं थे।
प्रियंका गांधी ने दावा किया कि एम्स के घायल छात्रों ने उन्हें बताया कि गुंडे परिसर के अंदर घुसे और डंडों एवं अन्य हथियारों से उन पर हमला करने लगे, जिससे कई छात्रों के हाथ-पैर टूट गए और कई को सिर पर चोट आई है।
कांग्रेस नेता ने यह भी आरोप लगाया कि एक छात्र ने उन्हें बताया कि पुलिस ने कई बार उसके सिर पर लात मारी। गांधी ने ट्वीट किया, 'किसी सरकार के लिए यह सचमुच बहुत शर्मनाक है जो अपने ही बच्चों पर हिंसा की अनुमति देती है और उसे बढ़ावा देती है।'
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय परिसर में रविवार रात को हिंसा भड़क गई, जब लाठियों से लैस कुछ नकाबपोश लोगों ने छात्रों तथा शिक्षकों पर हमला किया, परिसर में संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जिसके बाद प्रशासन को पुलिस को बुलाना पड़ा।
हिंसा में जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आईशी घोष समेत कम से 28 लोग घायल हो गए, जिन्हें एम्स में भर्ती कराया गया।
प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, 'भारत ने उदार लोकतंत्र के तौर पर वैश्विक प्रतिष्ठा बनाई थी। अब मोदी-शाह के गुंडे हमारे विश्वविद्यालयों में उपद्रव कर रहे हैं, हमारे बच्चों में भय फैला रहें हैं जिन्हें बेहतर भविष्य के लिए तैयार किया जाना चाहिए।'
उन्होंने कहा, इस सबके बावजूद, भाजपा नेता पूरी मीडिया में दिखा रहे हैं कि ये उनके गुंडे नहीं थे, जिन्होंने हिंसा की। लोगों को बेवकूफ नहीं बनाया जा सकता।