मुंबई। इंटरकनेक्ट यूसेज चार्ज या IUC एक मोबाइल टेलिकॉम ऑपरेटर द्वारा दूसरे को भुगतान की जाने वाली रकम है। जब एक टेलीकॉम ऑपरेटर के ग्राहक दूसरे ऑपरेटर के ग्राहकों को आउटगोइंग मोबाइल कॉल करते हैं, तब IUC का भुगतान कॉल करने वाले ऑपरेटर को करना पड़ता है। दो अलग-अलग नेटवर्क के बीच ये कॉल मोबाइल ऑफ-नेट कॉल के रूप में जानी जाती हैं। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) द्वारा IUC शुल्क निर्धारित किए जाते हैं और वर्तमान में यह 6 पैसे प्रति मिनट हैं।
ट्राई ने 2011 से बार-बार यह कहा है कि IUC शुल्क शून्य किया जाना चाहिए। यह बात उसने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामें में भी कही है। 2016 में एक पारदर्शी और विस्तृत परामर्श प्रक्रिया के माध्यम से IUC की व्यापक समीक्षा के बाद, TRAI ने टेलीकम्युनिकेशन इंटरकनेक्शन यूसेज चार्जेज (तेरहवां संशोधन) रेगुलेशन, 2017 जारी किया यह रेगुलेशन कहता है कि :
(A) 1 अक्टूबर, 2017 से 31 दिसंबर, 2019 तक प्रभावी, प्रति मिनट 0.06 (केवल 6 पैसे)
(B) 0 (शून्य), 1 जनवरी, 2020 से प्रभावी…
अब ट्राई ने अपने रूख के विपरित फिर से परामर्श पत्र जारी कर दिया है। ट्राई के रुख और पहले से ही IUC को शून्य तक कम करने वाले नियमों में किए गए संशोधन के आधार पर, Jio ने अपने ग्राहकों को मुफ्त वॉयस कॉल की सुविधा देने के लिए Airtel और Vodafone-Idea आदि को अपने स्वयं के संसाधनों से IUC का भुगतान जारी रखा। अब तक, पिछले तीन वर्षों में Jio ने अन्य ऑपरेटरों को IUC शुल्क के रूप में लगभग 1,3,500 करोड़ रुपए का भुगतान किया है।
दुर्भाग्य से, 2017 में उपरोक्त आदेश के बाद, पुराने ऑपरेटरों ने अपने 4 जी ग्राहकों के लिए तो वॉयस टैरिफ कम कर दिया पर उन्होंने अपने 35-40 करोड़ 2 जी ग्राहकों के लिए मंहगे टैरिफ जारी रखे। असल में वॉयस कॉल के लिए टैरिफ बढ़ाकर लगभग रु 1.50 मिनट तक कर दिया गया। वे अपने 2 जी ग्राहकों से डेटा के लिए न्यूनतम 500/ जीबी तक का शुल्क वसूल करते हैं।
Jio नेटवर्क पर मुफ्त वॉयस कॉलिंग और 2G नेटवर्क पर अत्यधिक टैरिफ होने की वजह से Airtel और Vodafone-Idea के 35-40 करोड़ 2G ग्राहक, Jio ग्राहकों को मिस्ड कॉल देते हैं। Jio नेटवर्क पर रोजाना 25 से 30 करोड़ मिस्ड कॉल प्राप्त होते हैं।
अब होता यह है कि जियो नेटवर्क पर मिस्ड कॉल होने से जियो ग्राहक वापस आउटगोइंग कॉलिंग करता है। अन्य नेटवर्क से जियो पर रोजाना होने वाले 25 से 30 करोड़ कॉलिंग (मिस्ड कॉल) से Jio को 65 से 75 करोड़ मिनट इनकमिंग ट्रैफिक मिलना चाहिए था। पर इसके बजाय, Jio ग्राहकों द्वारा किए गए कॉल बैक के परिणामस्वरूप 65 से 75 करोड़ मिनट तक आउटगोइंग ट्रैफ़िक हो जाता है।
वर्तमान में Jio के लिए ऑफ-नेट वॉयस ट्रैफ़िक सतुंलन ठीक है। पर अन्य ऑपरेटरों द्वारा अपने 2 जी वॉयस टैरिफ को ऊंचा रखकर असंतुलित बनाया जा रहा है।
मोबाइल ट्रैफिक विषमता का हवाला देते हुए हाल ही में ट्राई ने परामर्श पत्र जारी कर IUC पर बंद अध्याय को फिर से खोल दिया है। जिसे IUC रेगुलेशन में संशोधन करके 1 जनवरी 2020 से शून्य बना दिया जाना था।
2017 में IUC रेगुलेशन में संशोधन काफी विचार-विमर्श और परामर्श के बाद किया गया था। इस पृष्ठभूमि में परामर्श पत्र ने अनिश्चितता पैदा कर दी है और Jio को मजबूर कर दिया है कि अपनी अनिच्छा के बावजूद वह सभी ऑफ-नेट मोबाइल वॉयस कॉल के लिए 6 पैसे प्रति मिनट के इस नियामक शुल्क को वसूले खासकर तब तक जब तक IUC शुल्क मौजूद हैं।
इसलिए, आज से Jio ग्राहकों द्वारा किए गए सभी रीचार्ज पर, अन्य मोबाइल ऑपरेटरों को किए गए कॉल पर IUC टॉप-अप वाउचर के माध्यम से 6 पैसा प्रति मिनट की मौजूदा IUC दर से चार्ज लिया जाएगा, जब तक कि TRAI जीरो टर्मिनेशन चार्ज व्यवस्था लागू नही करती। वर्तमान में यह तारीख 1 जनवरी 2020 है।
Jio अपने ग्राहकों को उच्चतम मूल्य देने की अपनी प्रतिबद्धता पर अडिग है, और इस पर कोई 6 पैसे प्रति मिनट का शुल्क नहीं है :
(A) सभी Jio से Jio कॉल
(B) सभी इनकमिंग कॉल
(C) Jio को लैंडलाइन कॉल
(D) व्हाट्सएप या फेसटाइम और इसी तरह के प्लेटफॉर्म का उपयोग करके की गई कॉल।
इसके अतिरिक्त, Reliance Retail के साथ मिलकर Jio यह सुनिश्चित करेगा कि उस 2G उपयोगकर्ता को JioPhone आवंटन में प्राथमिकता मिले, जिसे हमारा Jio उपभोक्ता अकसर कॉल करता है। IUC टॉप-अप वाउचर खपत के आधार पर Jio समतुल्य मूल्य का अतिरिक्त डेटा प्रदान करेगा। इससे ग्राहकों के लिए टैरिफ में कोई वृद्धि नहीं होगी।
निम्नलिखित टॉप-अप वाउचर ग्राहकों को उनकी आवश्यकताओं के अनुरूप उपलब्ध होंगे :
Jio फिर से अपने 35 करोड़ ग्राहकों को आश्वस्त करता है कि आउटगोइंग ऑफ-नेट मोबाइल कॉल पर 6 पैसा प्रति मिनट का शुल्क केवल तब तक जारी रहेगा, जब तक TRAI अपने वर्तमान रेगुलेशन के अनुरूप IUC को समाप्त नहीं कर देता। हम TRAI के साथ सभी डेटा को साझा करेंगे ताकि वह समझ सके कि शून्य IUC उपभोक्ताओं के सर्वोत्तम हित में है और भारी संख्या में मिस्ड कॉल ने कैसे असंतुलन पैदा किया है।
Jio को उम्मीद है कि IUC शुल्क वर्तमान रेगुलेशन के अनुसार खत्म हो जाएगा और यह अस्थायी शुल्क 31 दिसंबर 2019 तक पूरी तरह समाप्त हो जाएगा इसके बाद उपभोक्ताओं को इस शुल्क का भुगतान नहीं करना पड़ेगा। इस बीच, उपभोक्ता IUC टॉप-अप वाउचर के बदले अतिरिक्त डेटा एंटाइटेलमेंट का आनंद लेना जारी रख सकते हैं ताकि 31 दिसंबर 2019 तक प्रभावी टैरिफ वृद्धि न हो।