उकसावे से पारस्परिक विश्वास की नींव ध्वस्त होगी : चीन
बीजिंग। चीन के एक विश्लेषक ने कहा है कि भारत-चीन सीमा पर भारत के उकसावे से पारस्परिक विश्वास की नींव ध्वस्त होगी और द्विपक्षीय संबंध कमतर होंगे। यह बयान भारतीय सेना के अधिकारियों द्वारा यह कहे जाने के बाद आया है कि डोकलाम जैसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए भारत, चीन, म्यांमार के ट्राई-जंक्शन क्षेत्र में गश्त बढ़ाने के लिए हिमालय क्षेत्र में विवादित भारत-चीन सीमा पर भारतीय सैनिकों की तैनाती की गई है।
सीमा पर भारतीय सैनिकों की तैनाती में वृद्धि पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए शंघाई इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल स्टडीज में सेंटर फॉर एशिया पैसिफिक स्टडीज के निदेशक झाओ गांचेंग ने कहा कि सीमा पर भारत के उकसावे से पारस्परिक विश्वास की नींव ध्वस्त होगी और द्विपक्षीय संबंध कमतर होंगे।
'ग्लोबल टाइम्स' ने रविवार को झाओ के हवाले से कहा कि भारत सीमा पर अपनी सैन्य तैनाती बढ़ा रहा है, क्योंकि उसे कभी यह विश्वास नहीं हुआ कि सीमावर्ती क्षेत्र शांतिपूर्ण रहेगा। भारत सोचता है कि चीन के साथ अंतत: सीमा संघर्ष होगा। भारत का उकसावा पारस्परिक विश्वास को खत्म कर देगा तथा नाजुक क्षेत्रीय स्थिति को और बिगाड़ देगा।
झाओ ने कहा कि पारस्परिक सैन्य अविश्वास अंतत: राजनयिक, अर्थव्यवस्था और सांस्कृतिक आदान-प्रदान सहित सभी क्षेत्रों में भारत-चीन संबंधों को कमतर करेगा। भारतीय अधिकारियों ने कहा कि तिब्बत क्षेत्र के पास भारत के सुदूर पूर्वी वालोंग शहर से करीब 50 किलोमीटर दूर स्थित ट्राई जंक्शन भारत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है जिससे कि उसे पास के पर्वतीय दर्रों तथा अन्य क्षेत्रों में अपना प्रभुत्व बनाए रखने में मदद मिल सके।
भारतीय सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि चीनी सैनिकों ने ट्राई जंक्शन में प्राय: घुसपैठ नहीं की, लेकिन क्षेत्र के पास एक सड़क अवसंरचना विकसित कर ली थी, जो सैन्यकर्मियों के आवागमन के लिए लाभकारी हो सकती थी। पिछले साल भारत और चीन के सैनिकों के बीच डोकलाम में 73 दिन तक गतिरोध चला था।
भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को विवादित क्षेत्र में सड़क बनाने से रोक दिया था। 16 जून को शुरू हुआ यह गतिरोध 28 अगस्त को समाप्त हुआ था। डोकलाम गतिरोध के बाद से भारत ने चीनी सीमा से लगते क्षेत्रों में अधिक सैनिकों की तैनाती कर दी है और गश्त बढ़ा दी है। (भाषा)