गुरुवार, 19 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. India and China have different views on Modi-Jinping talks
Written By
Last Modified: नई दिल्ली , शनिवार, 26 अगस्त 2023 (01:48 IST)

मोदी-जिनपिंग वार्ता की पहल को लेकर अलग-अलग राय, भारत ने कहा- चीन ने किया अनुरोध

Narendra Modi_Xi Jinping
Narendra Modi-Xi Jinping Talks : जोहानिसबर्ग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई बातचीत के 2 दिन बाद भारत और चीन ने शुक्रवार को इस बारे में अलग-अलग राय रखी कि किस पक्ष ने बातचीत की पहल की। हालांकि भारतीय सूत्रों ने कहा कि द्विपक्षीय बैठक के लिए चीन का अनुरोध लंबित था।
 
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी ने जोहानिसबर्ग में ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) शिखर सम्मेलन से इतर बुधवार को बातचीत की थी। यह बातचीत एक व्यवस्थित द्विपक्षीय बैठक नहीं थी, बल्कि एक अनौपचारिक बैठक थी।
 
चीनी विदेश मंत्रालय द्वारा मोदी-शी की बातचीत पर एक बयान जारी किए जाने के कुछ घंटों बाद भारतीय पक्ष के सूत्रों ने कहा कि द्विपक्षीय बैठक के लिए चीनी पक्ष की ओर से एक अनुरोध लंबित था। चीन के बयान में कहा गया था कि यह भारतीय पक्ष के अनुरोध पर आयोजित की गई थी।
 
इस संबंध में एक सूत्र ने कहा, हालांकि ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों नेताओं ने ‘लीडर्स लाउंज’ में अनौपचारिक बातचीत की थी। चीन की ओर से जारी बयान में कहा गया है, राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने 23 अगस्त को ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अनुरोध पर उनसे बात की।
 
इसमें कहा गया है कि मोदी के साथ बातचीत में शी ने इस बात पर जोर दिया कि चीन-भारत संबंधों में सुधार से साझा हित सधते हैं और यह विश्व एवं क्षेत्र की शांति एवं स्थिरता के अनुकूल है। भारत के विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने गुरुवार को बताया था कि प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर बातचीत के दौरान शी जिनपिंग को पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर ‘अनसुलझे’ मुद्दों के संबंध में भारत की चिंताओं से अवगत कराया।
 
क्वात्रा के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखना और वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) का सम्मान भारत-चीन संबंधों को सामान्य बनाने के लिए आवश्यक है। चीनी ब्योरे में दोनों नेताओं के बीच बुधवार को हुई बातचीत को स्पष्ट और गहन बताया गया।
 
बीजिंग के बयान में कहा गया, (चीन के) राष्ट्रपति शी जिनपिंग और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 अगस्त को ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के मौके पर वर्तमान चीन-भारत संबंधों और साझा हित के अन्य मामलों पर विचारों का स्पष्ट एवं गहन आदान-प्रदान किया।
 
इसमें कहा गया, राष्ट्रपति शी ने इस बात पर जोर दिया कि चीन-भारत संबंधों में सुधार दोनों देशों और लोगों के साझा हितों को पूरा करता है और क्षेत्र एवं दुनिया की शांति, स्थिरता और विकास के लिए भी सहायक है। गुरुवार को क्वात्रा ने कहा था कि मोदी और शी अपने-अपने संबंधित अधिकारियों को सैनिकों के शीघ्र पीछे हटने और तनाव कम करने के प्रयासों को तेज करने का निर्देश देने पर सहमत हुए।
 
क्वात्रा ने कहा कि मोदी ने जोहानिसबर्ग में ब्रिक्स के शिखर सम्मेलन से इतर समूह के नेताओं के साथ बातचीत की। उन्होंने कहा कि मोदी ने शिखर सम्मेलन से इतर शी से बातचीत की और संबंधों को सामान्य बनाने के लिए वास्तविक नियंत्रण रेखा का सम्मान करने की महत्ता के साथ ही भारत की चिंताओं से उन्हें अवगत कराया।
 
विदेश सचिव ने कहा, प्रधानमंत्री ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर अन्य ब्रिक्स नेताओं से बातचीत की। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बातचीत में प्रधानमंत्री ने भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के पश्चिमी सेक्टर में एलएसी पर अनसुलझे मुद्दों पर भारत की चिंताओं का उल्लेख किया।
 
उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति एवं सामंजस्य बनाए रखना तथा एलएसी का सम्मान करना भारत-चीन संबंधों को सामान्य बनाने के लिए आवश्यक है। क्वात्रा ने कहा, इस संबंध में दोनों नेता अपने संबंधित अधिकारियों को सैनिकों की शीघ्र वापसी और तनाव कम करने के प्रयासों को तेज करने का निर्देश देने पर सहमत हुए। भारत सरकार पूर्वी लद्दाख क्षेत्र को पश्चिमी सेक्टर कहती है।
 
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने मोदी और शी जिनपिंग के तनाव कम करने के प्रयास तेज करने पर सहमत होने पर एक सवाल के जवाब में बीजिंग में कहा कि सीमा का प्रश्न एक ऐतिहासिक मुद्दा है तथा यह चीन-भारत संबंधों की समग्रता को नहीं दर्शाता है।
 
उन्होंने कहा, हमें अपने द्विपक्षीय संबंधों में इसे उचित स्थान देना चाहिए तथा शांतिपूर्ण एवं मैत्रीपूर्ण विचार-विमर्श कर निष्पक्ष, तार्किक और परस्पर रूप से स्वीकार्य समझौता करना चाहिए। उन्होंने कहा, सीमा प्रश्न हल होने से पहले दोनों पक्षों को सीमावर्ती इलाकों में संयुक्त रूप से शांति की रक्षा करने की आवश्यकता है।
 
वांग ने कहा कि चीन दोनों नेताओं के बीच महत्वपूर्ण साझा सहमतियों पर आगे बढ़ने, परस्पर रणनीतिक विश्वास बढ़ाने, हमारी आम सहमति तथा सहयोग पर ध्यान केंद्रित करने, बाधाओं को हटाने तथा द्विपक्षीय संबंधों में सुधार करने पर भारत के साथ मिलकर काम करने की उम्मीद करता है।
 
पिछले साल नवंबर में बाली में जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर संक्षिप्त मुलाकात के बाद सार्वजनिक रूप से मोदी और जिनपिंग की यह पहली बातचीत थी। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो द्वारा 16 नवंबर को आयोजित औपचारिक रात्रिभोज में दोनों नेताओं ने संक्षिप्त मुलाकात की थी। मई, 2020 में शुरू हुए पूर्वी लद्दाख सीमा गतिरोध के बाद भारत और चीन के बीच संबंधों में गंभीर तनाव आ गया था।
 
भारत और चीन के सैनिकों के बीच पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले कुछ स्थानों पर तीन साल से अधिक समय से तनाव कायम है जबकि दोनों पक्षों ने व्यापक राजनयिक और सैन्य वार्ता के बाद कई इलाकों से सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया पूरी कर ली है। भारत लगातार कहता रहा है कि समग्र संबंधों को सामान्य बनाने के लिए एलएसी पर शांति महत्वपूर्ण है।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)
ये भी पढ़ें
पीएम मोदी का बड़ा ऐलान, चंद्रयान 3 के टच पाइंट का नाम शिवशक्ति, 23 अगस्त को नेशनल स्पेस डे