कौन है ‘दिशा रवि’ जिसे दिल्ली पुलिस ने ग्रेटा थनबर्ग की ‘टूलकिट’ में किया गिरफ्तार?
किसानों के प्रदर्शन (Farmer Protest) से जुड़ी टूलकिट' सोशल मीडिया पर शेयर करने के मामले में गिरफ्तार 21 साल की जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि को लेकर सोशल मीडिया में हंगामा मचा हुआ है, कोई उसकी गिरफ्तारी को सही बता रहा है तो कोई लोकतंत्र पर हमला।
दरअसल, दिल्ली पुलिस 26 जनवरी के दिन लाल किले पर हुई हिंसा की प्लानिंग को लेकर जांच कर रही है। यह साजिश किसने रची? इस साजिश का मास्टरमाइंड कौन है? किसके कहने पर 13 जनवरी से ही टूलकिट के ज़रिए प्लानिंग प्लानिंग की जा रही थी? हिंसा के लिए फंड कहां से आया? क्या इसके पीछे खालिस्तान की मांग है? और भारत में वे कौन लोग हैं जो खालिस्तानियों के एजेंडे पूरा करने में साथ दे रहे हैं?
ऐसे कई सवाल हैं जिनका पुलिस को बेसब्री से इंतजार है, ऐसे में कानूनी रूप से दिशा रवि की गिरफ्तारी अहम मानी जा रही है। लाल किले पर झंडा फहराने वाला दीप सिदधू और इकबाल पहले से ही पुलिस की गिरफ्त में हैं, वे भी खुलासे कर रहे हैं।
ऐसे में जानना जरूरी है कि आखिर दिशा रवि कौन है और क्या करती है।ग्रेटा थनबर्ग की टूलकिट वाले मामले में जिनकी भूमिका नजर आ रही है, उसमें दिशा की यह पहली गिरफ्तारी है। यह गिरफ्तारी दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने की है।
पुलिस ने बेंगलुरु से 21 साल की दिशा रवि को गिरफ्तार किया है। 21 साल की ये एक्टिविस्ट फ्राइडे फ़ॉर फ्यूचर कैम्पेन की फॉउंडरों में से एक हैं। वे एनिमल लवर भी बताई जा रही है। आरोप है कि दिशा रवि ने किसानों से जुड़ी टूलकिट को एडिट किया उसमें कुछ चीज़ें जोड़ी और उसे आगे भेजा था।
दिशा बेंगलुरु के प्रतिष्ठित वुमंस कॉलेज में शामिल माउंट कार्मेल की स्टूडेंट हैं। जानकारी के मुताबिक दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल शनिवार को बैंगलुरू पहुंची और दिशा रवि को उसने गिरफ्तार किया।
उन्हें विद्यारन्यापुरा PS लिमिट से गिरफ्तार किया गया है। दिल्ली पुलिस ने बेंगलुरु पुलिस को गिरफ्तारी और दिशा रवि के बारे में जानकारी दी। प्रॉसीज़र के तहत दिशा को दिल्ली ले जाया गया है।
स्वीडन की 18 साल की क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग ने भारत में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर समर्थन दिखाते हुए ट्वीट किया था। इसी ट्वीट के साथ गलती से उन्होंने एक टूलकिट भी अटैच कर दी थी, जिसमें भारत में अस्थिरता फैलाने को लेकर साजिश का पूरा प्लान लिखा था। हालांकि बाद में ग्रेटा ने तुरंत ही इसे डिलीट कर दिया था।
इधर योगेंद्र यादव को लेकर भी चर्चा है। कहा जा रहा है वे न तो किसान है, न उनके पास कोई ज़मीन है फिर भी वो किसान नेता बनकर किसानों का नेतृत्व कर रहे हैं। कांग्रेस सासंद भी योगेंद्र यादव पर आरोप लगा चुके हैं, रवणीत बिट्टू ने कहा था अगर पुलिस यादव को गिरफ्तार कर ले तो किसान आंदोलन ही खत्म हो जाएगा।