नई दिल्ली। दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येन्द्र जैन ने बुधवार को केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह को पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र के जरिए उनसे एनसीआर में चल रहे सभी 11 थर्मल पॉवर प्लांट को बंद करने का अनुरोध किया है।
जैन ने कहा कि दिल्ली के आसपास चल रहे इन थर्मल पॉवर प्लांट्स का दिल्ली के प्रदूषण में सबसे बड़ा योगदान है। देश में दिल्ली सरकार एकमात्र ऐसी सरकार है, जिसने अपने राज्य के अंदर सभी थर्मल पॉवर प्लांट बंद कर दिए हैं।
मंत्री जैन ने पत्र में यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने कहा था कि 2019 में सभी थर्मल पॉवर प्लांट बंद कर देंगे, लेकिन अब इन प्लांट को नवीनीकृत करने का समय 2 वर्ष और बढ़ाना चाहती है। उन्होंने कहा कि एनसीआर में अभी तक चल रहे 11 थर्मल प्लांट को बंद करने से दिल्ली के प्रदूषण पर निश्चित रूप से फर्क पड़ेगा।
जैन ने कहा कि दिल्ली और दिल्ली के आसपास के प्रदूषण में थर्मल पॉवर प्लांट का बहुत बड़ा योगदान है। इसी वजह से दिल्ली सरकार के जितने भी थर्मल प्लांट थे, सभी बंद कर दिए हैं।
इसी के मद्देनजर 2015 मे यह आदेश दिए गए थे कि दो साल के अंदर सारे पॉवर स्टेशन का प्रदूषण कम किया जाए। बाद में इसकी अंतिम तिथि बढ़ाकर 2019 कर दी गई थी और केंद्र सरकार ने कहा था कि 2019 तक हम सब को पूरा कर देंगे और प्रदूषण स्तर कम कर देंगे।
उन्होंने कहा कि पहले 2009 के अंदर आईपी स्टेशन को बंद किया गया, राजघाट को 2015 के अंदर बंद किया गया और बदरपुर पॉवर स्टेशन जो दिल्ली के अंदर था, उसको भी 2018 के अंदर बंद किया गया। दिल्ली देश में अकेला ऐसा राज्य है, जहां पर कोई भी थर्मल पॉवर स्टेशन नहीं है। अभी भी केंद्र सरकार की मंशा है कि दिल्ली के आसपास जो थर्मल पॉवर स्टेशन हैं, जिनकी वजह से काफी प्रदूषण होता है, उनके प्रदूषण मानदंड में फिर से छूट दे दी जाए और उनको आगे 2-3 साल और मोहलत दी जाए ताकि वो प्रदूषण मानदंड का पालन न करें।
जैन ने कहा कि मैंने केंद्रीय मंत्री को पत्र लिखा है कि जितने भी यह थर्मल पॉवर स्टेशन हैं, इनको बंद किया जाए, ताकि दिल्ली और इसके आसपास रहने वालों लोगों को राहत मिले और दिल्ली ने यह पहले कर के दिखा दिया है। एक सवाल के जवाब में ऊर्जा मंत्री ने कहा कि दिल्ली से सटे दूसरे राज्यों में अभी 11 थर्मल पॉवर प्लांट चल रहे हैं। पहले यह 13 थे, जिसमें दो दिल्ली में थे, जिन्हें हम पहले ही बंद कर चुके हैं। शेष पॉवर प्लांट दिल्ली के आसपास हैं। इसमें दादरी में एक पॉवर प्लांट है। इसे बंद करने को लेकर कल ही मैंने पत्र लिखा था।
उन्होंने कहा कि दादरी का जो प्लांट है, इसके 25 साल, फेज एक के अगले महीने खत्म होने वाले हैं। सुनने में यह आ रहा है कि 25 साल बाद उसको भी आगे बढ़ाना चाहते है ताकि और प्रदूषण पैदा करता रहे, जबकि उसकी 25 साल की अवधि भी खत्म हो चुकी है।
दिल्ली को प्रदूषण की बहुत ज्यादा चिंता थी, तभी हमने राजघाट पॉवर स्टेशन और बदरपुर पॉवर स्टेशन को बंद कर दिया। दादरी स्थित थर्मल पॉवर स्टेशन से आने वाला प्रदूषण दिखाई नहीं देता है, इसलिए उस पर ज्यादा शोर नहीं मच रहा है, लेकिन वह भी दिल्ली और उसके आसपास प्रदूषण बढ़ाने में योगदान करता है।
ऊर्जा मंत्री जैन ने कहा कि दिल्ली में जो प्लांट था उससे 100 प्रतिशत बिजली की सप्लाई दिल्ली को की जाती थी। देश में बिजली सप्लाई के वैकल्पिक सोर्स हैं, आज भी जो पीक लोड है, उसके दोगुना देश के अंदर पॉवर उत्पादन की क्षमता है। दिल्ली के आसपास पॉवर प्लांट का होना दिल्ली के पर्यावरण के लिए बहुत ही अधिक खतरनाक है, उसकी वजह से बहुत ज्यादा प्रदूषण होता है।
उन्होंने कहा कि थर्मल पॉवर प्लांट को बंद करने से दिल्ली में पॉवर सप्लाई पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा, बल्कि प्रदूषण कम हो जाएगा। अगर हम पराली जलाना बंद कर दें, थर्मल पॉवर प्लांट को बंद कर दें, तो दिल्ली-एनसीआर के प्रदूषण पर काफी असर पड़ेगा। दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण को बढ़ाने में पराली और थर्मल पॉवर स्टेशन का काफी योगदान है। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि केन्द्रीय मंत्री पत्र का अवश्य संज्ञान लेंगे। यह महत्वपूर्ण है।