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Last Modified: मंगलवार, 12 अक्टूबर 2021 (00:21 IST)

दिल्‍ली सरकार ने लांच किया 'देश का मेंटर' प्रोग्राम, CM केजरीवाल बोले- छात्रों का करियर संवारने में मिलेगी मदद

दिल्‍ली सरकार ने लांच किया 'देश का मेंटर' प्रोग्राम, CM केजरीवाल बोले- छात्रों का करियर संवारने में मिलेगी मदद - Delhi government launched Desh Ka Mentor programme
नई दिल्ली। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज त्यागराज स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम के दौरान दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए 'देश के मेंटर' प्रोग्राम को लांच किया। इस प्रोग्राम के जरिए 9वीं से 12वीं के बच्चों को अपना करियर संवारने में मेंटर्स की मदद मिलेगी।

2.70 लाख बच्चों ने सरकारी स्कूलों में लिया एडमिशन : मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में शिक्षा के क्षेत्र में कुछ अद्भुत हो रहा है। हमारे दिल्ली के सरकारी स्कूलों में कुल 16 लाख बच्चे पढ़ा करते थे। कई सालों से यह आंकड़ा लगभग बराबर रहता था। हर साल कुछ बच्चे आते थे और कुछ बच्चे पास आउट होकर चले जाते थे। लेकिन इस साल यह आंकड़ा बढ़कर 18 लाख 70 हजार बच्चे हो गए हैं। इस साल दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों से 2 लाख 70 हजार बच्चों ने अपने नाम कटवाकर सरकारी स्कूलों में भर्ती हुए हैं। यह अद्भुत और शानदार है।

बच्चों को बिजनेसमैन बनना सिखाया जा रहा : मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अभी कुछ दिन पहले हमने देशभक्ति पाठ्यक्रम शुरू किया। पूरे देश के लोग पूछ रहे कि यह देशभक्ति पाठ्यक्रम क्या होता है? क्या देशभक्ति सिखाई जा सकती है? सारा देश कौतूहल वश देख रहा है। दिल्ली के सरकारी स्कूलों के अंदर हमने हैप्पीनेस करिकुलम शुरू किया। तो लोग पूछ रहे हैं कि बच्चों को हैप्पीनेस भी दी जा सकती है क्या? एंटरप्रिंयोरशिप क्लासेज चल रही हैं। बच्चों को एंटरप्रिंन्योर बनना, बिजनेसमैन बनना सिखाया जा रहा है।

बच्चों को नौकरी ढूंढने वाला नहीं, बल्कि नौकरी देने वाला बना रहे : मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि हमारे स्कूलों में शिक्षा का काम तीन चीजों के लिए बच्चों को तैयार करने का होता है। पहला, स्कूल या कॉलेज से पास आउट हो जाने के बाद वह अपना पेट पालने लायक तैयार हो, अपने घर का पालन-पोषण कर सके।

आज हमारे शिक्षा जगत की सबसे बड़ी समस्या है कि हम बड़ी-बड़ी डिग्रियां लेकर में नौकरी के लिए घूमते रहते हैं और नौकरी नहीं मिलती है। हम अपने बच्चों को तैयार कर रहे हैं कि नौकरी ढूंढने वाले नहीं बनना है, बल्कि नौकरी देने वाले बनना है। अपना धंधा, अपना बिजनेस शुरू करेंगे और हम लोगों को नौकरी देंगे। दिल्ली के सरकारी स्कूलों के अंदर यह शिक्षा नौवीं क्लास से शुरू हो जाती है।

बच्चों को तनाव से बाहर करने में मदद करेंगे मेंटर : मुख्यमंत्री केजरीवाल ने इस कार्यक्रम के बारे में बताते हुए कहा कि एक बच्चा, खासकर नौवीं क्लास के बाद जब वह किशोरावस्था में प्रवेश करता है, तो उसके सामने दो सबसे बड़ी जरूरतें होती है। पहला, उसकी भावनात्क व मनोवैज्ञानिक जरूरतें। वह अपनी जिंदगी में बड़ा हो रहा होता है। किशोरावस्था के अंदर उसके ऊपर किस्म-किस्म के दबाव होते हैं। जब एक आम आदमी या एक बच्चा अपनी दिल की सारी बात किसी को बता देता, तो उसका दिल हल्का हो जाता है। वह उस तनाव में से भी बाहर निकल जाता है।

अच्छा नागरिक बनने में मदद करेगा मेंटर : मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैं समझता हूं कि जो भी हमारे मेंटर्स बनेंगे, वो पूरे देशभर से बनेंगे। केवल दिल्ली के बच्चों को केवल दिल्ली के लोग ही मेंटर नहीं करेंगे। हमने यह ऐप बनाया है, जिसमें देश के किसी भी कोने में बैठा हुआ कोई भी व्यक्ति कह सकता है कि मैं दिल्ली के एक या दो बच्चे को मेंटर करने के लिए तैयार हूं। आपको कुछ नहीं करना है।

आपको उस बच्चे को रोज केवल 10 से 15 मिनट ही देने हैं, जितना वह बात करना चाहे। आपको उसके साथ फोन पर बात करनी है और कुछ नहीं करना है। मेंटर को दिल्ली आने की जरूरत नहीं है और कुछ पैसा खर्च करने की जरूरत नहीं है। बच्चों को यह एक इमोशनल जरूरत है।

सफल होने पर पूरे देश में लागू किया जाएगा : मुख्यमंत्री केजरीवाल ने देश सभी लोगों से अपील करते हुए कहा कि अगर एक बच्चा आपकी मेहनत से अच्छा नागरिक बन जाता है और एक बच्चा आपकी मेहनत से अपने सपनों को पूरा करता है, तो यह काम करके आप राष्ट्र निर्माण का सबसे बड़ा काम कर रहे हैं।

अगर आप इस मेंटरशिप कार्यक्रम के जरिए आप कुछ लोगों को तैयार कर लेते हैं, तो राष्ट्र निर्माण की दिशा में आपने भी अपनी तरफ से उस दीवार के अंदर एक ईंट लगा दी। आप इस कार्यक्रम में जरूरत हिस्सा लीजिए। मैं समझता हूं कि यह बहुत ही शानदार कार्यक्रम है और अगर यह सफल होता है तो मुझे यह पूरी उम्मीद है कि यह कार्यक्रम पूरे देश के अंदर सभी स्कूलों में लागू किया जाएगा।

9वीं, 10वीं, 11वीं के बच्चों को होती है एक मेंटर की जरूरत : उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि पिछले छह-सात सालों में दिल्ली की शिक्षा में बहुत कुछ हुआ है। हमारे स्कूलों के परिणाम अच्छे आने लगे हैं। हमारे बच्चे आईआईटी और नीट में जाने लगे हैं। दिल्ली सरकार के स्कूलों में सबकुछ बहुत ही शानदार किया जा रहा है। नौवीं, 10वीं, 11वीं के बच्चों की एक जरूरत होती है कि उन्हें कोई एक व्यक्ति बड़े भाई, बहन या पिता के रूप में मिल जाए, जो बिना अपने सपने को थोपे उसका हाथ थाम ले। उसके लिए कोई कह सके कि पुलिस में जाना है तो कैसे जाओगे। नौवीं, 10वीं, 11वीं के बच्चों को एक मेंटर की जरूरत होती है, जो कहता है कि चिंता न करो, मैं हूं न। 

बच्चों के सपनों को पालने का काम करें मेंटर : डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि युवाओं को देश के निर्माण के काम में लगाने से बड़ा कोई काम नहीं हो सकता। बच्चों को पढ़ाने का काम शिक्षक कर रहे हैं और उनको पालन का काम अभिभावक कर रहे हैं। आओ, बच्चों के सपनों को पालने का काम कोई मेंटर करे। उस दिशा में यह कदम उठाया गया है। प्रिंसिपल और शिक्षकों से अपेक्षा है कि उनकी तरफ से एक मैसेज हर बच्चे को जाना आवश्यक है कि मेंटरशिप कार्यक्रम में जो लोग जुड़ेंगे, वो आपको बहुत मदद करेंगे।

दिल्ली टेक्निकल यूनिवर्सिटी ने बहुत शानदार ऐप बनाया है। जिस पर मेंटर अपना पंजीकरण कर सकेंगे और उनको उनकी और बच्चे की रुचि और आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए उस मेंटर को मेंटीज दे दिया जाएगा। अगर आप मेंटर करने के लिए इच्छुक हैं, तो आप रजिस्टर करिए। डिप्टी सीएम ने देश के युवाओं का आह्वान करते हुए कहा कि इस देश ने आपको बहुत कुछ दिया है और आप भी अपनी सेवाओं से इस देश को बहुत कुछ दे रहे हैं, लेकिन इस देश की अगली पीढ़ी आपसे आपके 10-15 मिनट मांग रही है।

इस दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने जीवन में एक मेंटर होने के महत्व को बताया। सीएम अरविंद केजरीवाल ने बताया कि मैं हमेशा डॉक्टर बनना चाहता था। इसके लिए 10वीं के बाद मुझे विषय चुनना था। मुझसे दो साल वरिष्ठ अरविंद पांडेय जी थे और वो आईआईटी खड़गपुर पढ़ने गए थे। छुट्टियों के दौरान एक बार उनसे मेरी मुलाकात हुई।

उन्होंने कहा कि तुम्हें डॉक्टर नहीं इंजीनियर बनना चाहिए। उन्होंने जिंदगी में सबसे अच्छा करो। इसके बाद मैंने मेडिकल छोड़ इंजीनियरिंग को चुना था। वही समय मेरी जिंदगी का टर्निंग पाइंट था। इसलिए हर एक की जिंदगी में एक मेंटर का होना जरूरी है, क्योंकि वह हमें बता सकता है कि हमें क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए।

'देश के मेंटर' कार्यक्रम का उद्देश्य एवं जरूरत : शिक्षा से ही सच्चा राष्ट्र निर्माण होगा। देश के मेंटर का उद्देश्य राष्ट्र निर्माण के लिए युवाओं को एक साथ लाना है। वे स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों का मार्गदर्शन और मार्गदर्शन करेंगे और हमारे देश के लिए एक बेहतर कल बनाने में मदद करेंगे। दिल्ली के सरकारी स्कूलों में नौवीं-बारहवीं कक्षाओं में करीब 10 लाख छात्र पढ़ रहे हैं।

और जैसा कि देखा गया है, उनमें से कई पहली पीढ़ी के शिक्षार्थी हैं। उनके पास अपने सपनों को हासिल करने की क्षमता है, लेकिन मार्गदर्शन और सहयोग की कमी है, जो उन्हें और अधिक समझने और अपने सपनों पर अधिक स्पष्टता देने में मदद करेगी। उन्हें मार्गदर्शन की आवश्यकता है, जो उन्हें अधिक जानकारी और आत्मविश्वास प्रदान करे, ताकि वे अपने सपनों को प्राप्त कर सकें।

इस दौरान उपमुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया, आईजीडीटीयूडब्ल्यू, आईआईटी-दिल्ली, डीपीएसआरयू, डीटीयू, एनएसयूटी, डीएसईयू, एयूडी और आईपी विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रिसिंपल सेक्रेटरी शिक्षा, एच. राजेश प्रसाद, शिक्षा निदेशक प्रकाश राज और दिल्ली सरकार के स्कूलों के प्रमुख समेत अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे। सर्व प्रथम, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, विधायक आतिशी समेत अन्य गणमान्यों ने दीप जलाकर ‘देश के मेंटर’ लॉचिंग कार्यक्रम की शुरूआत की।