बिना पटाखों की कैसी होगी दीपावली?
नई दिल्ली। क्या गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में दीपावली बिना पटाखों की होगी और लोगों को प्रदूषण से पूरी तरह राहत मिल पाएगी?
उच्चतम न्यायालय द्वारा पिछले दिनों पटाखों की बिक्री पर रोक लगाने से पूरे देश में यह जानने को लेकर उत्सुकता पैदा हो गई है कि क्या राजधानी दिल्ली और उससे लगे नोएडा, गुडगांव, गाजियाबाद और फरीदाबाद में इस बार दीपावली बिन पटाखों के होगी और ध्वनि प्रदूषण के साथ-साथ वायु प्रदूषण भी नहीं होगा।
उच्चतम न्यायालय के फैसले के कारण राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में पहले की तरह पटाखे की दुकानें कहीं दिखाई नहीं दे रही हैं जबकि कई मोहल्लों में चोरी-छिपे पटाखे बेचे जाने की घटनाएं सामने आई हैं और पुलिस ने कई स्थानों पर छापे मारकर पटाखे जब्त भी किए हैं।
आमतौर पर दीपावली के 1 सप्ताह पहले ही हर मोहल्ले में पटाखों की दुकानें लग जाती थीं और लोग पटाखों की खरीदी-बिक्री शुरू हो जाती थी। युवा वर्गों और बच्चों में पटाखों को लेकर उत्साह दिखाई देता था लेकिन इस बार पटाखों की बिक्री पर रोक लगने के कारण यह उत्साह ठंडा पड़ गया है और कई लोग निराश भी हो गए हैं। लेकिन साथ ही साथ अधिकतर लोगों का कहना है कि पटाखों की बिक्री पर रोक से अगर प्रदूषणरहित मनती है तो यह खुशी की बात होगी, जो स्वास्थ्य के लिए अच्छा होगा।
इस बीच उद्योग संगठन एसोचैम की एक रिपोर्ट के अनुसार इस बार दीपावली में उपहारों के लेन-देन में भी 30 से 40 प्रतिशत की कमी आई है। नोटबंदी और जीएसटी के कारण उपहारों का कारोबार प्रभावित हुआ है। (वार्ता)