चीन ने 2 दिन में हटाए 200 टैंक, खाली हो रहा है पैंगोंग त्सो का इलाका
नई दिल्ली। लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर पिछले 10 महीने से भारत और चीन के बीच चल रहा तनाव अब कम होने लगा है। दोनों देशों के बीच हुई समझौता वार्ता के बाद अब चीन बहुत तेजी से पीछे हट रहा है। मीडिया खबरों के अनुसार, पिछले 2 दिनों में उसने अपने 200 से ज्यादा टैंक हटा लिए हैं।
चीन और भारत की सेनाओं ने समझौते के तहत पैंगोंग लेक के उत्तरी और दक्षिणी तट से बुधवार सुबह से पीछे हटना शुरू कर दिया। दोनों सेनाएं इलाके में शांति और अमन कायम रखने के लिए आगे बढ़ना चाहती हैं।
उल्लेखनीय है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को राज्यसभा में बताया कि चीनी सेना फिंगर 8 से पीछे हटने को तैयार हो गई है। अब अधिकारियों का कहना है कि भारतीय और चीनी सैनिकों का प्रारंभिक विघटन पैंगोंग झील तक सीमित है और दोनों सेनाओं को अपनी असल तैनाती पर वापस आने में और दो हफ्ते का समय लग सकता है।
राजनाथ ने जोर देकर कहा कि भारत ने चीन से हर स्तर पर यह स्पष्ट कर दिया है कि वह अपनी एक इंच जमीन भी किसी को नहीं लेने देगा और हमारी सेना देश की संप्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा के लिए पूरी तत्परता के साथ मोर्चों पर डटी हुई है।
चीन के साथ जो भी बात हो रही है, उसमें भारत 3 सिद्धांतों का मजबूती से पालन कर रहा है। पहला, दोनों पक्ष वास्तविक नियंत्रण रेखा को मानें, दूसरा, एलएसी को एकतरफा बदलने का प्रयास न किया जाए और दोनों देश उनके बीच हुए सभी समझौतों का पालन करें।
हालांकि कांग्रेस नेता सुरजेवाला ने सरकार से सवाल किया कि क्या यह सीधे-सीधे भारत के हितों पर कुठाराघात कर एलएसी को पुन: रेखांकित करने का कार्य नहीं? क्या मोदी सरकार फिंगर 3 से फिंगर 8 के बीच हमारे भूभागीय क्षेत्र में एक नया बफर ज़ोन नहीं बना रही? क्या यह भारत की भूभागीय अखंडता से धोखा नहीं?