Chardham Yatra : उत्तराखंड के 4 प्रसिद्ध हिमालयी मंदिरों की वार्षिक तीर्थयात्रा के बेहतर प्रबंधन के लिए चारधाम यात्रा मार्ग को 15 सुपर जोन, 41 जोन और 137 सेक्टर में बांटा गया है। प्रत्येक सेक्टर 10 किलोमीटर क्षेत्र का होगा, जहां सुरक्षाकर्मी चौबीसों घंटे गश्त करेंगे तथा अन्य ड्यूटी करेंगे। सुरक्षा और परिवहन व्यवस्था की निगरानी के लिए मार्ग पर 6000 से अधिक जवान तैनात किए जाएंगे। चारधाम यात्रा 30 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिर के कपाट खुलने के साथ शुरू होगी। केदारनाथ के कपाट 2 मई को और बद्रीनाथ के कपाट 4 मई को खुलेंगे।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। गढ़वाल के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) राजीव स्वरूप ने शनिवार को कहा कि सुरक्षा और परिवहन व्यवस्था की निगरानी के लिए मार्ग पर 6,000 से अधिक जवान तैनात किए जाएंगे। यात्रा के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए स्वरूप ने बताया कि प्रत्येक सेक्टर 10 किलोमीटर क्षेत्र का होगा, जहां सुरक्षाकर्मी चौबीसों घंटे गश्त करेंगे तथा अन्य ड्यूटी करेंगे।
आईजी ने बताया कि रेंज कार्यालय में पुलिस अधीक्षक (यातायात) लोकजीत सिंह की अध्यक्षता में एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वह व्यक्तिगत रूप से सुरक्षा व्यवस्था, यातायात, भीड़ और आपदा प्रबंधन की तैयारियों की निगरानी करेंगे। चारधाम यात्रा 30 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिर के कपाट खुलने के साथ शुरू होगी। केदारनाथ के कपाट दो मई को और बद्रीनाथ के कपाट चार मई को खुलेंगे।
आईजी ने बताया कि अगले पांच दिनों में रेंज कार्यालय में यात्रा नियंत्रण कक्ष शुरू हो जाएगा। इस नियंत्रण कक्ष में एक पुलिस उपाधीक्षक, दो निरीक्षक, चार उपनिरीक्षक, एक हेड कांस्टेबल और एक कांस्टेबल के अलावा एक प्रभारी अधिकारी तैनात रहेंगे। यह नियंत्रण कक्ष 24x7 काम करेगा। उन्होंने कहा कि अन्य विभागों के साथ समन्वय के लिए नियंत्रण कक्ष में एक विशेष डेस्क भी स्थापित की जाएगी।
इसके अलावा पुलिस मुख्यालय में पुलिस उपमहानिरीक्षक (कानून व्यवस्था) धीरेंद्र गुंज्याल के नेतृत्व में अलग से चारधाम सेल का गठन किया जाएगा। यह सेल यात्रा से जुड़ी सूचनाएं एकत्र करेगा। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारियों को मार्ग प्रभारी नियुक्त किया जाएगा। नौ अधिकारी अपने-अपने क्षेत्राधिकार में यात्रा व्यवस्थाओं की देखरेख करेंगे।
चारों मंदिरों में एक-एक पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) स्तर के अधिकारी को धाम प्रभारी बनाया गया है। ये अधिकारी मंदिरों में श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं और व्यवस्थाओं की निगरानी करेंगे। आईजी स्वरूप ने बताया कि इस वर्ष सीसीटीवी कैमरों से निगरानी का क्षेत्र भी बढ़ाया गया है।
कुल सुरक्षा तैनाती में 24 डीएसपी, 66 निरीक्षक, 366 उपनिरीक्षक, 615 हेड कांस्टेबल, 1,222 कांस्टेबल, 208 महिला कांस्टेबल, 926 होमगार्ड जवान, 1,049 पीआरडी जवान, प्रांतीय सशस्त्र कांस्टेबुलरी की नौ कंपनियां और राज्य आपदा राहत बल की 26 टीम शामिल होंगी।
उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारियों और अन्य सहायता टीमों के भोजन, आवास और अन्य सुविधाओं की देखभाल के लिए चारधाम नियंत्रण कक्ष में एक कल्याण अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour