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Last Modified: इस्लामाबाद , शुक्रवार, 27 मई 2016 (19:20 IST)

चाबहार समझौते में शामिल हो सकता है पाक

चाबहार समझौते में शामिल हो सकता है पाक - Chabahar agreement might include Pakistan
अफगानिस्तान, मध्य एशिया, रूस और पूर्वी यूरोप तक भारत की पहुंच को आसान बनाने के लिए हुए चाबहार समझौते को लेकर पाकिस्तान में उपजे तनाव को लक्ष्य करके ईरान ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान और चीन के लिए इस समझौते में शामिल होने का रास्ता अब भी खुला है।
भारत-अफगानिस्तान-ईरान के बीच हुए चाबहार समझौते को लेकर अमेरिका, पाकिस्तान और चीन ने संशय व्यक्त किया है। पाकिस्तान में ईरान के राजदूत मेहंदी हुनरदूस्त ने इस्लामाबाद स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ स्ट्रैटजिक स्टडीज में ईरान-पाकिस्तान संबंध के विषय पर कहा कि चाबहार समझौता तीन देशों तक सीमित नहीं है। उन्होंने बताया कि सबसे पहले पाकिस्तान को इस समझौते में शामिल होने की पेशकश की गई थी और उसके बाद चीन को भी पेशकश की गई, लेकिन इन दोनों देशों ने कोई रुचि नहीं दिखाई।
 
उन्होंने इस मौके पर ईरान के लिए भारत के महत्व पर चर्चा करते हुए कहा कि ईरान जब प्रतिबंधों में जकड़ा था, तो भारत ही एकमात्र ऐसा देश था, जो उससे तेल की खरीद करता था। उन्होंने साथ ही यह साफ किया कि चाबहार ग्वादर का विरोधी नहीं है। उन्होंने कहा कि ये दोनों बंदरगाह एक-दूसरे के पूरक हैं और चाबहार बंदरगाह प्रशासन ग्वादर के साथ सहयोग के लिए तैयार है।
 
उन्होंने कहा कि यह समझौता अंतिम नहीं है। हम नए सदस्यों की प्रतीक्षा कर रहे हैं। हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान और ईरान के लिए अच्छे साथी रहे चीन, दोनों का स्वागत है। हम अपने देश के लोगों के हित को प्रभावित करने वाले क्षेत्र के सभी देशों के साथ संबंध बनाने के इच्छुक हैं। 
 
कारोबार और व्यापार व्यापार हैं और राजनीति राजनीति है। हमें इन दो बातों को अलग अलग करना आता है। इस क्षेत्र में शांति स्थापना के लिए व्यापार मुख्य तत्व है और अपने पड़ोसी देशों और तुर्की, चीन तथा रूस जैसे शक्तिशाली देशों से ईरान के मैत्रीपूर्ण व्यापारिक संबंध हैं। 
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