दार्जिलिंग में पुलिस के डर से जंगलों में छिपे हैं 5 हजार युवा, भाजपा ने लगाया तृणमूल सरकार पर आरोप
नई दिल्ली। लोकसभा में आज आरोप लगाया गया कि दार्जिलिंग में पश्चिम बंगाल सरकार के इशारे पर पुलिस नागरिकों के साथ बर्बरता से पेश आ रही है और वहां के 5 हजार से ज्यादा युवा पुलिस के भय के कारण जंगलों में छिपे हुए हैं।
भारतीय जनता पार्टी के दार्जिलिंग के सांसद राजू बिष्ट ने शून्यकाल में यह मामला उठाया और आरोप लगाया कि उनके संसदीय क्षेत्र में पुलिस नागरिकों के साथ अत्याचार कर रही है। पुलिस के जुल्म से युवा, महिलाएं और बच्चे त्रस्त हैं और पश्चिम बंगाल की तृणमूल सरकार स्थानीय नागरिकों की नहीं सुन रही है। पुलिस बर्बरता से पेश आ रही है और लोगों को फर्जी आरोपों में फंसाकर जेलों में ठूंस रही है।
उन्होंने कहा कि पुलिस के भय के कारण दार्जिलिंग की सुंदर वादियों में भय और आक्रांत का माहौल है। दार्जिलिंग के 5 हजार से ज्यादा युवा जंगलों में छिपे हुए हैं। पुलिस उनको फर्जी मामलों में फंसाना चाहती है। उन्होंने 2 दिन पहले की एक घटना का जिक्र किया और कहा कि एक 80 साल के बुजुर्ग के साथ पुलिस बेरहमी से पेश आई और उसकी सरेआम पिटाई कर दी।
बिष्ट ने कहा कि पश्चिम बंगाल की पुलिस दार्जिलिंग के लोगों पर अत्याचार कर रही है। उन्होंने इसे गंभीर स्थिति बताया और कहा कि पुलिस अत्याचारों की जांच के लिए एक समिति का गठन किया जाना चाहिए।