बंगाल में बोले अमित शाह, कहा- नेताजी को भुला देने की कोशिशें बहुत हुईं
कोलकाता। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस को भुला दिए जाने के बहुत प्रयास किए लेकिन उनकी देशभक्ति और शहादत भावी पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी। बंगाल के क्रांतिकारियों के सम्मान में यहां स्थित नेशनल लाइब्रेरी में आयोजित 'शौर्यांजलि' कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शाह ने युवाओं से स्वतंत्रता सेनानियों के जीवन और संघर्ष से प्रेरणा लेने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि बहुत प्रयास किए गए कि सुभाष बाबू को भुला दिया जाए, परंतु कोई कितना भी प्रयास करे, उनका कर्तव्य, देशभक्ति और उनका सर्वोच्च बलिदान पीढ़ियों तक भारतवासियों के जहन में जस-का-तस रहने वाला है। उन्होंने कहा कि सुभाष बाबू को देश की जनता इतने वर्ष के बाद भी उतने ही प्यार और सम्मान से याद करती है जितना कि उनके जीवित रहने और संघर्ष के दौरान करती थी।
एक उत्कृष्ट छात्र के रूप में सुभाष चंद्र बोस के जीवन और उनके आईसीएस की परीक्षा पास करने का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इस स्वतंत्रता सेनानी ने नौकरी छोड़ दी और स्वाधीनता के आंदोलन में कूद गए ताकि यह संदेश जाए कि अंग्रेजी हुकूमत के अधीन आरामदेह जीवन जीने के मुकाबले देश उनके लिए महत्वपूर्ण है।
शाह ने कहा कि सुभाष चंद्र बोस की लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता था कि वे दो बार कांग्रेस के अध्यक्ष बने और एक बार तो उन्होंने महात्मा गांधी के उम्मीदवार तक को हराया। उन्होंने देश के युवाओं से आग्रह किया कि वे सुभाष चंद्र बोस के जीवन और उनके संघर्षें के बारे में पढ़ें।
उन्होंने कहा कि जो युवा पीढ़ी अपने इतिहास को जानती है, वही एक मजबूत राष्ट्र का निर्माण कर सकती है। शाह ने इस अवसर पर खुदीराम बोस और रासबिहारी बोस जैसे स्वतंत्रता सेनानियों के जीवन पर आधारित एक प्रदर्शनी 'बिप्लबी बांग्ला' का भी उद्घाटन किया और एक साइकल रैली को रवाना किया। नेताजी, खुदीराम बोस और रासबिहारी बोस के नाम पर बनी 3 टीमें स्वतंत्रता सेनानियों के संदेशों को पहुंचाने के लिए 900 किलोमीटर की साइकल यात्रा करेगी। (भाषा)