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Last Updated : शुक्रवार, 2 अगस्त 2019 (13:50 IST)

आतंकवाद पर अमित शाह, दिग्विजय जी आपको सुनना पड़ेगा

आतंकवाद पर अमित शाह, दिग्विजय जी आपको सुनना पड़ेगा - Amit Shah
नई दिल्ली। केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि समझौता एक्सप्रेस में नकली आरोपी पकड़े गए थे। कानून के दुरुपयोग की दलील ठीक नहीं है।

शाह ने दिग्गी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि दिग्विजय सिंह का गुस्सा जायज हैं क्योंकि वे चुनाव हारे हैं, लेकिन आपको सुनना ही पड़ेगा। उन्होंने कहा कि समझौता केस में जज को कुछ नहीं मिला।

UAPA बिल पर चर्चा करते हुए शाह ने कहा कि आतंकवाद वैश्विक समस्या है। दुनिया के कई देश आतंकवाद से पीड़ित हैं। उन्होंने कहा कि समझौता मामले में धर्म विशेष को निशाना बनाया गया। शाह ने सवाल किया कि इस बिल को लेकर विपक्ष क्यों डरा हुआ है?

इससे पहले राज्यसभा में अधिकांश विपक्षी सदस्यों ने विधिविरुद्ध क्रिया कलाप (निवारण) संशोधन विधेयक 2019 के प्रावधानों के दुरुपयोग होने की आशंका जताते हुए इसको प्रवर समिति या स्थायी समिति को भेजने की अपील  की है।

सदन में इस विधेयक पर शुक्रवार को शुरू हुई चर्चा को आगे बढ़ाते हुए मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के ए. रीम ने कहा कि इसके प्रावधानों के दुरुपयोग की पूरी संभावना है। इसके मद्देनजर उनका दल इसका विरोध करता है। उन्होंने कहा कि एक पुलिस निरीक्षक स्तर के अधिकारी को किसी भी राज्य में जाकर किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करने का अधिकार दिया जाना सबसे खतरनाक प्रावधान है। उन्होंने कहा कि सनातन संस्था को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए।

राजद के मनोज कुमार झा ने कहा कि इस विधेयक की जरूरत नहीं है क्योंकि इसके कुछ प्रावधान बहुत ही डरावने हैं। हिरासत में पूछताछ का अधिकार दिया जाना भी खतरनाक है। किसी को भी आतंकी बताकर गिरफ्तार करने के अधिकार का दुरुपयोग होगा। पहले भी इस तरह के कानून का दुरुपयोग हुआ है।

द्रमुक के पी. वेलसन ने कहा कि उनका दल इस विधेयक का विरोध करता है और इसको प्रवर समिति या स्थायी समिति को भेजने की मांग करता है। आतंकवाद से निपटने की जरूरत है लेकिन किसी पुलिस निरीक्षक स्तर के अधिकारी को इतना अधिकार दिए जाने का गंभीर परिणाम हो सकता है। इससे संवैधानिक अधिकार का भी दुरुपयोग होगा।
 
पीडीपी के मीर मोहम्मद फैयाज ने कहा कि उनकी पार्टी इसका विरोध करती है क्योंकि इस तरह के कानून का अब तक सबसे अधिक जम्मू-कश्मीर में दुरुपयोग होता रहा है। उन्होंने इस विधेयक को प्रवर समिति में भेजने की मांग करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर में अभी 25 हजार और सेना के जवान भेजने की खबरें आ रही हैं।
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