फिल्म अभिनेता गिरीश कर्नाड का लंबी बीमारी के बाद निधन
बेंगलुरु। ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित प्रख्यात लेखक, नाटककार, अभिनेता एवं फिल्म निर्देशक गिरीश कर्नाड का सोमवार सुबह निधन हो गया। वे 81 वर्ष के थे और लंबे समय से श्वास संबंधी बीमारियों से पीड़ित थे।
साहित्य, रंगमंच और सिनेमा के क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान के लिए भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री और पद्मभूषण से भी सम्मानित किया था। लेखन के लिए उन्हें ज्ञानपीठ पुरस्कार सम्मानित किया गया था।
कर्नाड एक समकालीन लेखक थे जिन्होंने कन्नड़ भाषा और भारतीय रंगमंच के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया। कर्नाड का जन्म 1938 में महाराष्ट्र के माठेरण में हुआ था। उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा कर्नाटक के उत्तराकन्नड़ा और धारवाड़ जिले में प्राप्त की। उन्होंने अमेरिका के शिकागो विश्वविद्यालय में विजिटिंग प्रोफेसर के पद पर भी काम किया।
उनके प्रसिद्ध नाटकों में ययाति, तुगलक, हयवदन, अंजु मल्लिगे, अग्निमतु माले, और नागमंडल आदि शामिल हैं। उनके ‘तुगलक’ नाटक का अंग्रेजी समेत विभिन्न भाषाओं में अनुवाद किया गया। टीवी धारावाहिक 'मालगुडी डेज' में अभिनय से गिरीश कर्नाड चर्चा में आए थे।
गिरीश कर्नाड ने कई फिल्मों और धारावाहिकों में अभिनय किया था। सलमान खान की फिल्म 'टाइगर जिंदा में' गिरीश कर्नाड रॉ अधिकारी की भूमिका में नजर आए थे। पद्मश्री और पद्मभूषण से सम्मानित गिरीश कर्नाड ने कई बड़ी फिल्मों में काम किया था।
प्रधानमंत्री मोदी ने जताया शोक : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित प्रख्यात लेखक एवं रंगमंच कलाकार गिरीश कर्नाड के निधन पर शोक जताया है।
मोदी ने आज ट्वीट किया कि गिरीश कर्नाड को उनके बहुमुखी अभिनय के लिए हमेशा याद किया जाएगा। अपनी पसंद के मुद्दों पर उन्होंने पूरे उत्साह के साथ अपने विचार व्यक्त किए। उनके कार्य आने वाले वर्षों में भी लोकप्रिय बने रहेंगे। उनके निधन से दुखी हूं। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे।