नई दिल्ली। कृषि कानून के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन आठवें दिन भी जारी है। सरकार और किसान संगठनों के साथ गुरुवार को हुई चौथे दौर की बैठक में कोई निर्णय नहीं हो सका। हालांकि सरकार ने किसानों की कुछ मांगों के प्रति नरम रुख के संकेत दिए हैं। 7 घंटे से अधिक समय तक चली बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री पीयूष गोयल तथा वाणिज्य राज्यमंत्री सोम प्रकाश एवं किसानों के चालीस प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। तोमर ने बताया कि सौहार्द पूर्ण वातावरण में बातचीत हुई और दोनों पक्षों ने अपना अपना तर्क रखा। उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य व्यवस्था जारी रहेगी और इस पर किसानों की शंका का समाधान किया जाएगा। तोमर ने कहा कि किसानों को आशंका है कि नए कृषि कानून से एपीएमसी व्यवस्था समाप्त हो जाएगी जबकि सरकार इस व्यवस्था को और मजबूत करना चाहती है। नए कानून से निजी मंडी आएगी और सरकार दोनों मंडियों में समान कर प्रणाली लागू करने का प्रयास करेगी। उन्होंने कहा कि व्यापार में विवाद होने पर किसानों को एसडीएम के यहां अपील करने पर आपत्ति है जिसके कारण वे न्यायालय में जाने की व्यवस्था भी चाहते हैं। सरकार इस पर भी विचार करेगी। उन्होंने कहा कि जमीन को लेकर किसानों की को आशंका है उसका भी समाधान किया जाएगा। कृषि मंत्री ने कहा कि 5 दिसंबर को फिर बैठक होगी। किसान संगठन पिछले 7 दिनों से राजधानी की सीमा पर जमे हैं और कृषि सुधार कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं।