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Last Modified: शनिवार, 24 दिसंबर 2022 (14:17 IST)

श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद पर कोर्ट ने कहा, विवादित भूमि का होगा सर्वे, जानिए क्या है पूरा विवाद

Mathura Sri Krishna Janmabhoomi dispute
मथुरा। श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में नया मोड़ आ गया है। दरअसल, स्थानीय अदालत ने शनिवार को इस मामले में हिन्दू पक्ष की अपील पर विवादित भूमि के सर्वे का आदेश दिया है। इस मामले में अगली सुनवाई 20 जनवरी को होगी।  
 
कोर्ट ने इस मामले में 20 जनवरी तक सर्वे रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं। कोर्ट के आदेश के बाद ईदगाह की विवादित जमीन का सर्वे होगा। अदालत ने इस मामले में सभी पक्षों को नोटिस जारी किया है।
 
क्या है कृष्ण जन्मभूमि विवाद : यह विवाद 13.37 एकड़ भूमि को लेकर है। इसमें से 10.9 एकड़ भूमि श्रीकृष्ण जन्मस्थान और 2.5 एकड़ जमीन ईदगाह मस्जिद के पास है। याचिका में पूरी जमीन देने और शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने की मांग की गई है। हिन्दू पक्ष का दावा है कि मथुरा में औरंगजेब ने मंदिर तुड़वाकर वहां मस्जिद बनवाई थी। 1670 में मथुरा में भगवान केशवदेव का मंदिर तोड़ने का फरमान जारी किया था। 

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने वर्ष 1935 में 13.37 एकड़ की विवादित भूमि बनारस के राजा कृष्ण दास को अलॉट की थी। 1951 में यह भूमि श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट ने अधिग्रहित कर ली थी।
 
इस ट्रस्ट को 1958 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ और 1977 में श्रीकृष्ण जन्म स्थान सेवा संस्थान के नाम से रजिस्टर्ड कराया गया था। 1968 में सेवा संघ और शाही ईदगाह कमेटी के बीच हुए समझौते के तहत 13.37 एकड़ भूमि का स्वामित्व ट्रस्ट को मिला जबकि ईदगाह मस्जिद का प्रबंधन ईदगाह कमेटी को दे दिया गया था।
 
इस मामले में 25 सितंबर 2020 में एडवोकेट विष्णु शंकर जैन ने दायर याचिका में कहा कि उपर्युक्त समझौता गलत है। वहीं, मस्जिद पक्ष का दावा है कि इस मामले में तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala
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