• Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. साहित्य
  3. मेरा ब्लॉग
  4. webdunia blog

मुन्नी ,सलमा ,शीला और अब सोनम, तमाशा कब तक?

मुन्नी ,सलमा ,शीला और अब सोनम, तमाशा कब तक? - webdunia blog
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मायने क्या? हम कुछ भी कह सकते हैं ??? काले धन पर रोक लगाने 500/1000 के नोट बंद हुए......उसके पीछे सरकार की सही मंशा क्या है यह समय आने पर सबको पता चल जाएगा.....पूरा देश इस फैसले से प्रभावित हुआ है अमीर जनता नोट को कैसे ठिकाने लगाया जाए इस पर जुगाड़ में लगी है गरीब ,मध्यवर्गीय बैंक की लाइन में लगे हैं.....हमारे पास एक सोशल मीडिया है जिसे हम चाहें तो बहुत सशक्त माध्यम बना कर इस्तेमाल कर सकते हैं पर.....लोगों ने इसे केवल बेतुके मज़ाक का साधन समझ लिया है।

व्हाट्सऐप और फेसबुक पर काले धन को लेकर बेशुमार व्यंग्य और परिहास किया जा रहा है। हास्य बुरा नहीं है पर किस हद तक ??? सोनम गुप्ता बेवफा है.......ये बात जाने कहां से आग की तरह फैलाई जा रही है.....मैंने अभी इस नाम पर कई चुटकुलें और कहानियां पढ़ीं .....एक महिला के काल्पनिक अस्तित्व को इस तरह हास्य का ज़रिया बना दिया गया पर क्या किसी ने सोचा सोनम या सोनम गुप्ता नाम की कोई महिला या युवती सचमुच में अगर हो तो उस पर क्या बीत रही होगी ?? महिलाओं के नाम से बेहूदे मज़ाक बंद होने चाहिए......मुन्नी ,सलमा ,शीला ,सोनम के नाम पर तमाशा कब तक? सोशल मीडिया बेहूदे व्यंग्य के लिए न हो इसका सार्थक उपयोग हम कर सकें तो बेहतर होगा......
ये भी पढ़ें
अदरक की चाय के 5 फायदे, जरूर जानिए