कांग्रेस ने वापस लिया फरमान, दावेदारों को नहीं देनी होगी सोशल मीडिया की जानकारी
भोपाल। आगामी विधानसभा के लिए टिकट दावेदारों में हड़कंप मचने के बाद कांग्रेस ने वह फरमान वापस ले लिया है, जिसमें कहा गया था कि टिकट के दावेदारों को सोशल मीडिया पर सक्रिय होना जरूरी है।
माना जा रहा है कि इस फरमान से उपजे असंतोष के बाद पार्टी ने इसे वापस लेने में ही अपनी भलाई समझी है। पार्टी के वरिष्ठ नेता चंद्रप्रभाष शेखर ने पत्र लिखकर पुराने आदेश को वापस लेने की बात कही है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया से संबंधित मेरे द्वारा 2 सितंबर को प्रेषित पत्र निरस्त किया जाता है।
शेखर के इस पत्र के बाद टिकट के कई दावेदारों ने राहत की सांस ली है, जो सोशल मीडिया पर ज्यादा सक्रिय नहीं हैं। हालांकि कांग्रेस की वरिष्ठ नेता शोभा ओझा ने पहले भी स्पष्ट किया था कि ऐसा जरूरी नहीं है कि जो नेता सोशल मीडिया पर सक्रिय नहीं हैं, उन्हें टिकट नहीं मिले।
पहले क्या कहा था पार्टी ने : चंद्रप्रभाष शेखर द्वारा पूर्व में जारी पत्र में कहा गया था कि टिकट के दावेदारों के फेसबुक पेज पर 15,000 लाइक और ट्विटर पर 5000 फॉलोअर होने चाहिए। साथ ही कहा गया था कि सभी के पास बूथ लेबल के लोगों के व्हाट्सअप ग्रुप भी होने चाहिए।
पत्र के अनुसार, कांग्रेस के पदाधिकारियों, वर्तमान विधायकों और टिकट के दावेदारों को 15 सितंबर 2018 तक ट्विटर, फेसबुक और व्हाट्सऐप की जानकारी मध्यप्रदेश कांग्रेस के सोशल मीडिया और आईटी डिपार्टमेंट में उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए गए थे।