भाजपा के जिलाध्यक्ष टिकट की दौड़ से बाहर...
भोपाल। मध्यप्रदेश में चुनाव लड़ने की चाहत रखने वाले भाजपा जिला अध्यक्षों की दावेदारी खतरे में पड़ गई है। चुनाव से पहले संगठन को मजबूत करने के लिए पार्टी ने तय किया है कि पार्टी जिला अध्यक्ष फिलहाल संगठन को मजबूत करने का काम करेंगे।
पार्टी के इस फैसले के बाद उन जिला अध्यक्षों को मायूसी हाथ लगी है जो विधायक बनने की चाहत रख रहे थे। पार्टी का यह फैसला ऐसे जिला अध्यक्षों के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। एमपी बीजेपी अध्यक्ष राकेशसिंह का कहना है कि जिला अध्यक्ष जिले में पार्टी संगठन को मजबूत करने का काम करते है।
पार्टी अध्यक्ष की इस बात से ये कयास लगाए जा रहे हैं कि आने वाले विधानसभा चुनाव में जिला अध्यक्ष चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। वहीं पार्टी अध्यक्ष कहते हैं कि टिकट के बारे मे अंतिम फैसला चुनाव समिति करेगी। पार्टी की टिकट की इस गाइड लाइन के बाद भोपाल मध्य विधानसभा से विधायक सुरेंद्रनाथ सिंह के चुनाव लड़ने पर संशय उठ खड़ा हुआ है। सिंह विधायक होने के साथ इस समय भोपाल जिला इकाई के अध्यक्ष भी हैं।
इनके अलावा प्रदेश में कई ऐसे और जिला अध्यक्ष हैं जिनके विधानसभा पहुंचने के अरमानों पर पानी फिर गया है। चुनाव से ठीक पहले कई जिला अध्यक्ष चुनाव लड़ने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाते नजर आ रहे थे। इनमें मुरैना के जिलाध्यक्ष अनूपसिंह भदौरिया, भिंड से संजीव कांकर, शिवपुरी जिलाध्यक्ष सुशील रघुवंशी, सिंगरौली जिला अध्यक्ष कांति देव सिंह शामिल हैं।