स्क्रीन टाइम से आपके बच्चों की नींद पर क्या पड़ता है असर, जानिए ये डराने वाली सच्चाई
Can too much screen time affect your sleep: आजकल बच्चों का स्क्रीन टाइम बहुत बढ़ गया है। वे घंटों मोबाइल, टैबलेट या टीवी पर बिताते हैं। माता-पिता भी अक्सर बच्चों को मोबाइल देखकर फुर्सत तलाशते हैं लेकिन कभी आपने सोचा है की छोटे बच्चों के हाथ में मोबाइल आने से उनकी नींद पर बुरा असर पड़ता है। आइए जानते हैं कैसे।
स्क्रीन टाइम और नींद का संबंध
ब्लू लाइट: स्क्रीन से निकलने वाली ब्लू लाइट मेलाटोनिन हार्मोन के उत्पादन को कम करती है। मेलाटोनिन हार्मोन नींद को नियंत्रित करता है।
मानसिक उत्तेजना: स्क्रीन पर गेम खेलना या वीडियो देखना बच्चों के दिमाग को उत्तेजित करता है, जिससे उन्हें नींद आने में परेशानी होती है।
नियमितता में कमी: स्क्रीन टाइम अनियमित होने से बच्चों की स्लीप साइकिल बिगड़ जाती है।
नींद की कमी के दुष्परिणाम
थकान: नींद की कमी से बच्चे दिनभर थके हुए महसूस करते हैं।
ध्यान में कमी: नींद की कमी से बच्चों का ध्यान पढ़ाई में नहीं लगता है।
चिड़चिड़ापन: नींद की कमी से बच्चे चिड़चिड़े हो जाते हैं।
मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं: लंबे समय तक नींद की कमी से बच्चों में डिप्रेशन और चिंता जैसी मानसिक समस्याएं हो सकती हैं।
स्क्रीन टाइम को कैसे कम करें?
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समय सीमा तय करें: बच्चों के स्क्रीन टाइम की समय सीमा तय करें और उसका सख्ती से पालन करें।
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शारीरिक गतिविधियां: बच्चों को बाहर खेलने और शारीरिक गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करें।
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परिवार के साथ समय बिताएं: बच्चों के साथ बातचीत करें, किताबें पढ़ें या बोर्ड गेम खेलें।
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सोने से पहले स्क्रीन से दूर रहें: सोने से कम से कम एक घंटा पहले बच्चों को स्क्रीन से दूर रखें।
बच्चों की अच्छी नींद उनके शारीरिक और मानसिक विकास के लिए बहुत जरूरी है। इसलिए, माता-पिता को बच्चों के स्क्रीन टाइम को नियंत्रित करने और उनकी नींद की आदतों को सुधारने के लिए प्रयास करने चाहिए।
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