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Last Updated : मंगलवार, 20 जून 2023 (11:47 IST)

मंगल दोष के निदान के लिए हम अमलनेर के मंगल ग्रह मंदिर ही क्यों जाएं?

मंगल दोष के निदान के लिए हम अमलनेर के मंगल ग्रह मंदिर ही क्यों जाएं? - Manglik dosh ki puja kahan hoti hai
Mangal dosh nivaran puja in amalner maharashtra : मध्यप्रदेश के उज्जैन में मंगलनाथ नामक स्थान पर मांगलिक दोष की शांति के लिए हजारों लोग आते हैं उसी तरह महाराष्ट्र के अमलनेर में स्थित मंगल ग्रह मंदिर में ही मंगल दोष की शांति के लिए प्रति मंगलवार को लोग आते हैं। यहां पर आने से विवाह में आ रही रुकावट दूर हो जाती है और जातक सुखी वैवाहिक जीवन यापन करता है।
 
यह कहा जाता है कि मंगल या मांगलिक दोष से मुक्त होना हो तो मंगल देव की पूजा करना चाहिए और उन्हीं के समक्ष मंगल दोष की शांति के लिए कोई अनुष्ठान कराया जाना चाहिए।
 
उज्जैन का मंगलनाथ मंदिर हो या अमलनेर का मंगल ग्रह मंदिर दोनों ही जगह का अपना अपना महत्व है। परंतु लोगों का मानना है कि उज्जैन भले ही मंगलनाथ का जन्म स्थान है लेकिन वहां पर मंगल देव की कोई प्राचीन मूर्ति की पूजा न होकर वहां पर शिवलिंग की पूजा होती है। शिवलिंग पर भात पूजा करते हैं। यानी शिवलिंग पर भात का लेप लगाकर उसकी पूजा करते हैं।
 
परंतु अमलनेर में विश्व का एक मात्र ऐसा मंदिर है जहां पर मंगल ग्रह देवा का अपने ही स्वरूप में विराजमान हैं और जहां पर उनकी माता भूमाता भी विराजमान है। यह भी कि यहां पर पंचमुखी हनुमानजी की भी अद्भुत मूर्ति स्थापित है। 
मंगल दोष के निदान के लिए भक्तजन अमलनेर स्थित मंगल ग्रह मंदिर इसलिए जाते हैं क्योंकि वहां मंगल देवता की स्वयंभू मूर्ति है जहां पर पूजा के साथ ही मंगल दोष की शांति के लिए अभिषेक भी किया जाता है। हालांकि उज्जैन में मंगलदेव के शिवस्वरूप की पूजा का भी खास महत्व मना गया है। आप कहीं पर भी यह पूजा करवा सकते हैं।
 
मंगलनाथ उज्जैन में भात पूजा का महत्व है जबकि मंगल ग्रह मंदिर अमलनेर में अभिषेक का महत्व है। यहां पर पंचामृत अभिषेक, सामूहिक अभिषेक, एकल अभिषेक और हवनात्मक अभिषेक किया जाता है। यहां किए जाने वाले अभिषेक या हवन के लिए पहले से ही आपको ऑनलाइन या काउंटर से बुकिंग कराना होती है तभी आपका नंबर लगता है। कई लोगों का अनुभव रहा है कि यहां आने से उनका मंगल दोष दूर हो जाता है। 
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