संबोधन
जुलाई -सितंबर,2008
त्रैमासिक ,कांकरोली ,जिला : राजसमंद (राजस्थान) -313324
फोन : 02952- 223221 सलाहकार संपादक : क़मर मेवाड़ी सौजन्य संपादक : ए. हुसैन सहयोग: त्रिलोकी मोहन पुरोहित ,पुष्पा खत्री अपनी बात : पत्र कविता : त्रिलोक महावर की पाँच कविताएँसाक्षात्कार : वरिष्ठ गीतकार डॉ. बुद्धिनाथ मिश्र से/ जयप्रकाश मानस की बातचीतडायरी : त्रिलोचन की कविता का पेथॉस/ विष्णुचंद्र शर्मा आलेख : नए सौंदर्यशास्त्र की तलाश / भगवान सिंह आत्म कथ्य : कारवाने गुबार/ जोगिन्दर पाल/ उर्दू से अनुवाद : विजय कहानी : नींव पड़ चुकी है / राजेंद्र परदेसीकविता : तितलियाँ / शिव योगी मनस्तरंगीय : सूफ़ी और ज़ेन की आवारा नस्लें / भावप्रिया / लघुकथा : आदर्श और मजबूरी / नदीम अहमद 'नदीम'ग़ज़ल : मनोज सोनकर की दो हिन्दी ग़ज़लें कहानी : किरकिरी / विक्रम सिंह गीत : डॉ. रमाकांत शर्मा/बुझे-बुझे चेहरों से पूछो पत्र : संबोधन के संस्मरण-अंक पर डॉ. सदाशिव श्रोत्रिय का पत्रग़ज़ल : विनय मिश्रकविता : प्रभा सक्सेना की दो कविताएँकविता : मालूम करो / सी.एल.साँखला समीक्षा : नासिरा शर्मा का उपन्यास : कुइयाँजान / अर्चना बंसलदुशाले में चोट / ओंकार श्री पत्रिका : 'दोआबा' का नया अंक : कंधों पर सलीबें / डॉ. दुर्गाप्रसाद अग्रवालटेलीफिल्म : क़मर मेवाड़ी की कहानी पर टेलीफिल्म का निर्माणसमारोह : महेंद्र कोठारी को हिन्दी सेवी सम्मान / नरेंद्र निर्मलआवरण : विजेंद्र (सुप्रसिद्ध कवि, चित्रकार तथा कृति ओर के संपादक, जयपुर)मूल्य : 15 /-रू