व्यापमं मामले में अदालत ने फैसला रखा सुरक्षित
जबलपुर। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने व्यापमं मामले में आरोपी बनाए गए निजी मेडिकल कॉलेजों और चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों की अग्रिम जमानत अर्जियों पर बुधवार को फैसला सुरक्षित रख लिया। दोनों पक्षों की दलीलों पर सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश हेमंत गुप्ता की खंडपीठ ने फैसला सुरक्षित रख लिया।
चिकित्सा शिक्षा विभाग के दो तत्कालीन आला अधिकारियों एससी तिवारी और एनएम श्रीवास्तव, एक निजी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन कमेटी के सदस्य डॉ. विजय कुमार पंड्या और डॉ. विजय कुमार रामनानी की ओर से अदालत में अग्रिम जमानत याचिकाएं दायर की गईं थीं, जिन पर आज सीबीआई और याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ताओं की ओर से बहस की गई।
विभाग के तत्कालीन अधिकारियों की ओर से दलील दी गई कि 2012 व्यापमं मामले में उनकी ओर से गड़बड़ी नहीं की गई क्योंकि काउंसलिंग की प्रक्रिया पूरी कर ली थी। वहीं कटऑफ डेट के बाद मेडिकल कॉलेजों में हुए एडमिशन की कोई भी जानकारी अधिकारियों तक नहीं पहुंचाई गई, लिहाजा पूरे फर्जीवाड़े में उनकी तरफ से गड़बड़ी नहीं हुई है।
वहीं एडमिशन कमेटी के सदस्यों की ओर से आरोपियों की उम्र और बीमारियों का हवाला देते हुए अग्रिम जमानत याचिका दिए जाने की मांग की गई। एक अन्य मेडिकल कॉलेज के चेयरमैन सुरेश सिंह भदौरिया की अग्रिम जमानत याचिका पर कल तक के लिए सुनवाई टल गई है। (वार्ता)